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नई दिल्ली: LAC पर चीन के साथ गंभीर सैन्य विवाद के बीच देश की तीनों सेनाएं अपने आपको मजबूत करने में लगी हैं. पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवादी गुटों की सक्रियता को देखते हुए आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Narwane) अपने तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन मंगलवार को नागालैंड पहुंचे.
नॉर्थ ईस्ट में चल रहे अभियानों की जानकारी ली
नागालैंड के दीमापुर पहुंचे सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Narwane) को पूर्वी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान और स्पीयर कॉर्प्स के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आर पी कालिता ने असम, नगालैंड, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में चल रहे अभियानों के बारे में जानकारी दी. इसके साथ ही उन्होंने देश की पूर्वोत्तर सीमाओं की सुरक्षा के लिए किए गए इंतजामों और चल रहे अभियानों के बारे में जानकारी ली.
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पूर्वोत्तर क्षेत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है पूर्वी कमान
बता दें कि आर्मी की पूर्वी कमान के पास अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ-साथ सिक्किम के सेक्टरों के अलावा समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी है. यह कमान चीन, म्यांमार, भूटान, नेपाल और बांग्लादेश से सटी सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है. अपने दौरे में जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Narwane) ने नागालैंड के राज्यपाल आर एन रवि और मुख्यमंत्री नीफियू रियो से भी मुलाकात कर राज्य में मौजूदा सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की.
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