भारत और चीन के बीच साढ़े तीन हजार किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा पर मई से तनाव बना हुआ है. 15 जून को गलवान घाटी में हुई झड़प में भारतीय सेना के 20 सैनिक शहीद हो गए थे.
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नई दिल्ली: भारतीय और चीनी सैनिक पिछले तीन महीने से ज्यादा समय से लद्दाख में एक-दूसरे के सामने डटे हुए हैं. लेकिन संभव है कि सितंबर महीने में दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे के साथ ज्वाइंट मिलिट्री एक्सरसाइज करते हुए नजर आएं. 16 सितंबर से 26 सितंबर तक रूस के अस्त्राखान में भारत, चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) के सैनिक दूसरे कई देशों के सैनिकों के साथ ज्वाइंट मिलिट्री एक्सरसाइज में हिस्सा ले सकते हैं. कवकाज 2020 नामक इस मिलिट्री एक्सरसाइज में रूस ने शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) के सभी 8 देशों के अलावा कई दूसरे देशों को भी आमंत्रित किया है.
आपको बता दें कि इस मिलिट्री एक्सरसाइज में कुल 18 देश भाग लेंगे. इस मिलिट्री एक्सरसाइज में रूस के अलावा ईरान, इजिप्ट, तुर्की और सीरिया के अलावा मध्य-पूर्व के कई दूसरे देश भी शामिल होंगे. भारत इस मिलिट्री एक्सरसाइज में तीनों सेनाओं के कुल 178 सैनिक भेज रहा है, जिसमें थल सेना के 140 और एयर फोर्स व नेवी के 38 सैनिक होंगे. इसमें सहयोगी देशों के साथ मिलकर दुश्मन से युद्ध का अभ्यास किया जाएगा.
भारत और चीन के बीच साल 2007 से ज्वाइंट मिलिट्री एक्सरसाइज 'हैंड इन हैंड' का हर साल आयोजन किया जाता है. 'हैंड इन हैंड' को एक साल भारत में और दूसरे साल चीन में आयोजित किया जाता है. वहीं भारत और पाकिस्तान के सैनिक पहली बार 2018 में रूस में हुई ज्वाइंट मिलिट्री एक्सरसाइज में एक साथ शामिल हुए, इसका आयोजन SCO ने किया था.
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गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच साढ़े तीन हजार किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा पर मई से तनाव बना हुआ है. 5 मई को लद्दाख में पेंगांग झील के पास दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हो गई और उसके बाद गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग सहित कई जगहों पर सैनिक आमने-सामने आ गए. फिर 15 जून को गलवान घाटी में हुई झड़प में भारतीय सेना की 16वीं बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर सहित कुल 20 सैनिक शहीद हो गए थे. वहीं चीन के 45-50 सैनिकों के मारे जाने की खबर है. इस समय दोनों देशों के 40 हजार से ज्यादा सैनिक लद्दाख में आमने-सामने तैनात हैं.
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