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जालंधर : राज्यसभा सांसद डा. सुभाष चंद्रा ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल झूठे वादे करने में सबसे आगे हैं।
डा. सुभाष चंद्रा को सम्मानित करने के लिए बुधवार को पंजाब के जालंधर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। डा. चंद्रा ने इस कार्यक्रम में कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के संघर्ष के दिनों में मदद करने वालों में उनका नाम भी शामिल है। उन्होंने कहा कि लोकराज के जिस नारे के साथ केजरीवाल चले थे, वो अब पीछे छूट गया है। साल 2006 में लोकराज, पूर्ण स्वराज आदि नारे दिए गए, इसमें हमने वित्तीय मदद भी दी थी। 6 सालों तक तक हमने अपनी ओर से इसमें मदद दी। अन्ना हजारे, डा. सोली सोराबजी, डा. सुभाष चंद्रा, आमिर खान समेत 12 बड़े नाम इस दौरान अभियान में साथ थे। उन्होंने कहा कि इनमें से आज एक भी आदमी इनके साथ नहीं है। सभी पुराने साथियों ने केजरीवाल का साथ छोड़ दिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल झूठे वादे करने वाले इंसान हैं, ऐसे शख्स से बचने की जरूरत है। हम लोगों को उस वक्त इनसे (केजरीवाल) बहुत उम्मीदें थी। उन्होंने पंजाब के मतदाताओं से अपील की कि वे केजरीवाल से सावधान रहें। ये आपसे कुछ भी वादा कर सकते हैं। उन पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। केजरीवाल फायदे के लिए कोई भी झूठ बोलने में माहिर हैं। मैं पंजाब के लोगों से यह कहना चाहता हूं कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर भरोसा नहीं करें।
डा. चंद्रा ने बताया कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को अपने साथ जोड़ने के लिए केजरीवाल ने उनसे खास तौर पर गुजारिश की थी। अरविंद ने मुझसे कहा था कि मनीष को कुछ सालों के लिए पूर्ण स्वराज अभियान में जोड़ने में उनकी मदद करें। उन्होंने बताया कि साल 2002 से मनीष सिसोदिया ज़ी न्यूज में पत्रकार रहे। लेकिन साल 2013 में जाकर मनीष ने अपना फुल एंड फाइनल सेटलमेंट किया। चूंकि मनीष अपने राजनीतिक कैरियर को लेकर अनिश्चित थे, इसलिए उनका मानना था कि यदि वे कामयाब नहीं हुए तो वापस (ज़ी न्यूज) नौकरी करने आ जाएंगे।
They cannot be trusted and through this I certainly want to tell the people of Punjab to not trust Arvind Kejriwal and Aam Aadmi Party pic.twitter.com/NQHl4nH4Wp
— Dr. Subhash Chandra (@subhashchandra) February 1, 2017
इसके उपरांत, डा. चंद्रा ने पंजाब में ड्रग्स की समस्या को लेकर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि ड्रग्स की समस्या पंजाब में बड़ा मुद्दा है, जिसे रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए। पंजाब सरकार इस समस्या से निपटने में विफल रही है।