Asaduddin Owaisi: ओवैसी ने खंभात हिंसा पर उठाए सवाल, कहा- रामनवमी जुलूस में लहराई गई तलवारें
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Asaduddin Owaisi: ओवैसी ने खंभात हिंसा पर उठाए सवाल, कहा- रामनवमी जुलूस में लहराई गई तलवारें

Asaduddin Owaisi on Khambhat Violence: गुजरात के खंभात में रामनवमी जुलूस पर हुए हमले को असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने सरकार की विफलता बताया है. ओवैसी ने कहा कि पुलिस की मौजूदगी में जुलूस में शामिल लोगों ने तलवारें लहराईं, इसके बावजूद उन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. 

Asaduddin Owaisi: ओवैसी ने खंभात हिंसा पर उठाए सवाल, कहा- रामनवमी जुलूस में लहराई गई तलवारें

Asaduddin Owaisi on Ram Navami Procession: रामनवमी जुलूसों (Ram Navami Procession) पर हुए पथराव और हिंसा की तस्वीरें दुनिया ने देखी. उसके बाद से विभिन्न राज्यों की सरकारें दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने में लगी हैं. इसके बावजूद AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) राज्य सरकारों की कार्रवाई को कटघरे में खड़ा करने में लगे हैं.

'ओवैसी ने खंभात हिंसा पर उठाए सवाल'

ओवैसी ने पहले मध्य प्रदेश के खरगौन हिंसा के दंगाइयों पर हुए सरकारी एक्शन का विरोध किया था. अब उन्होंने गुजरात के खंभात में हुई हिंसा (Khambhat Violence) पर सवाल उठाया है. ओवैसी ने (Asaduddin Owaisi) गुरुवार को कहा कि गुजरात सरकार खंभात क्षेत्र में एक धार्मिक जुलूस के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.

'रामनवमी जुलूस में लहराई गई तलवारें'

असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने आरोप लगाया कि गुजरात सरकार इस हिंसा के लिए जिम्मेदार है और उसे अपनी विफलता को स्वीकार करना चाहिए. ओवैसी ने गुजरात की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'आप कब तक पुरानी कहानियों को सामने लाते रहेंगे? अपनी विफलता को स्वीकार करें. आप स्वयं सहभागी हैं. जुलूस में भजन बजाए जाने चाहिए थे लेकिन वहां किस तरह के नारे लगाए गए? लोगों ने जुलूस में 50-100 तलवारें लहराईं. यह सब पुलिस की मौजूदगी में किया गया था. सरकार खुद चाहती थी कि वहां हिंसा हो.' 

'हिंसा की जिम्मेदार राज्य सरकार'

ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि सरकार को साजिश का पर्दाफाश करना चाहिए था. उन्होंने कहा, 'अगर आपके पास आईबी की रिपोर्ट थी तो आप क्यों सो रहे थे? आपको इसका पर्दाफाश करना चाहिए था. आपको वहां पर और पुलिस बल तैनात कर हिंसा को रोकना चाहिए था. आप अपने गलत व्यवहार को छिपाने के लिए शाम को कहानियां लाते हैं. ऐसी कहानियां अब पुरानी हो गई हैं. इस हिंसा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है.'

उन्होंने कहा, 'अगर हिंसा भड़कती है, तो जिम्मेदारी राज्य सरकार पर है. पिछले 20-25 वर्षों की जांच आयोग की रिपोर्ट कहती हैं कि अगर राज्य सरकारें नहीं चाहती हैं तो हिंसा नहीं होती है. इसलिए मेरा मानना ​​है कि यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और वे कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहे. हम चाहते हैं कि गिरफ्तारी की जाए और उचित जांच के साथ कार्रवाई की जाए.'

पथराव के लिए लड़कों को बाहर से बुलाया गया था

बताते चलें कि गुजरात पुलिस ने बुधवार को प्रेसवार्ता करके कहा था कि 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस के दौरान खंबात में हुई सांप्रदायिक हिंसा (Khambhat Violence) एक पूर्व नियोजित साजिश थी. इसके लिए लड़कों को पथराव के लिए बाहर से लाया गया था. पकड़े जाने की स्थिति में उन्हें हर तरह की कानूनी और वित्तीय मदद का आश्वासन दिया गया था. 

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जुलूस पर फेंके कब्रिस्तानों के पत्थर

पुलिस ने कहा था कि कब्रिस्तानों से पथराव करने का फैसला किया गया था क्योंकि वहां आसानी से पत्थर मिल सकते थे. इस मामले में अब तक कुल 9 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. आणंद जिले के एसपी अजीत राजियां के मुताबिक आरोपियों का मकसद यह था कि एक बार रामनवमी के जुलूस पर पथराव करके हिंदुओं में खौफ भर दिया जाए, जिससे वे दोबारा ऐसा धार्मिक जुलूस निकालने की हिम्मत न कर सकें. 

एसपी के मुताबिक रामनवमी पर जुलूस निकलने की सूचना मिलते ही आरोपियों ने हिंसा की योजना बनाना शुरू कर दिया था. जैसे ही पुलिस ने जुलूस को अनुमति प्रदान की, आरोपियों ने अपनी साजिश को अंजाम देना शुरू कर दिया. 

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