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Ashok Gehlot Targets BJP-RSS On Riots: राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर निशाना साधा है. अशोक गहलोत ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ध्रुवीकरण करके हिंदुओं को अपने पाले में लेने की कोशिश करती है और ऐसा हो भी रहा है. लेकिन देश संविधान से चलता है और उसकी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. दंगे करने वाले बीजेपी-आरएसएस के लोग हैं, इटली के नहीं हैं.
अशोक गहलोत ने कहा कि जो लोग पकड़े जा रहे हैं, जो आरोपी हैं वो सारे RSS-BJP बैकग्राउंड के हैं इटली के नहीं. जहां-जहां दंगे होंगे आप एक बात समझ लीजिए, दंगों से फायदा किसको होता है. दंगों से फायदा जिस पार्टी को होता है, समझ लीजिए कि दंगे वही करवा रही है. क्या दंगों से कांग्रेस को फायदा हो रहा है? सबको पता है दंगे होंगे तो कांग्रेस बदनाम होगी. तो कांग्रेस तो दंगे करवा नहीं सकती है और क्यों करवाएगी.
#WATCH All accused (in recent riots in different states) are from RSS-BJP, not Italy. The party that benefits from riots is instigating them. Hindutva is their agenda. Is Congress benefitting from riots?... just defaming us...: Rajasthan CM & Congress leader Ashok Gehlot (15.05) pic.twitter.com/jpY0EURE8q
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) May 16, 2022
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि इनका एजेंडा जो है वो हिंदुत्व का है. उस कारण दंगे करवा रहे हैं. चुनाव में ध्रुवीकरण करवा रहे हैं. डेमोक्रेसी में एक उदाहरण कम नहीं है. दुनिया यूपी के बारे में क्या सोचती होगी. दुनिया तो आज ग्लोबल विलेज है आईटी की वजह से. यूपी में 403 विधान सभा सीटों में से एक पार्टी किसी भी अल्पसंख्यक को टिकट नहीं देती है. कौन नहीं दे रही है, भारतीय जनता पार्टी नहीं दे रही है. रूलिंग पार्टी है तो दुनिया के लोगों तक क्या मैसेज जा रहा है.
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उन्होंने आगे कहा कि ध्रुवीकरण करके आप हिंदुओं के वोट लेने की बात करते हो और हिंदू आपको वोट दे भी रहा है. लेकिन कब तक देगा वो. महंगाई की मार भयंकर पड़ रही है. कोई सोच नहीं सकता नौकरी लोगों की लग नहीं रही है. 2 करोड़ रोजगार देने की बात हुई थी, वो रोजगार कहां चले गए. बेरोजगारी भयंकर है. इसके अलावा तनाव है और अशांति का माहौल है. डेमोक्रेसी और संविधान से देश चलता है. लेकिन संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं, हम लोग इसके बारे में बार-बार कहते हैं.