दुनिया के अजूबों में शुमार ताजमहल की खुबसूरती बरबस ही सबको आकर्षित कर लेती है. दुनिया भर से लाखों की तादाद में पर्यटक हर साल इस प्यार की निशानी का दीदार करने आते हैं. हालांकि, आजकल ये स्मारक किसी अन्य खबर को लेकर सुर्खियों में है.
हाल ही में, एक शख्स ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका लगाकर ये मांग की थी कि वह राज्य सरकार को ताजमहल के अंदर 20 कमरों की जांच करने और वहां हिंदू मूर्तियों या शास्त्रों की उपस्थिति से संबंधित किसी भी सबूत की तलाश करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दें. हालांकि, इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने ये याचिका खारिज कर दी थी.
अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने ताजमहल के कुछ कमरों की तस्वीरें जारी की हैं. जहां हाल ही में मेंटेनेंस का काम किया गया थ. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के जनवरी 2022 के न्यूजलेटर के 20वें पृष्ठ में लिखा है कि खराब और विघटित चूने के प्लास्टर को हटा दिया गया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ASI के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना था कि न केवल ताजमहल, बल्कि इस तरह के संरक्षण कार्य भी विरासत मूल्य वाले सभी संरक्षित स्थलों पर किए जाते हैं. इसके लिए हम जरूरत के हिसाब से छत और बेसमेंट तक पहुंचते हैं.जैसे, ताजमहल की भूमिगत कमरों में संरक्षण कार्य किया गया था.
बता दें कि ताजमहल के मुख्य मकबरे के नीचे भूमिगत कमरे या कोठरियां हाल के दिनों में चर्चा में रही हैं. इसको लेकर उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले के बीजेपी के मीडिया प्रभारी रजनीश सिंह ने 4 मई को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ में एक याचिका दायर की थी. उनका कहना था कि ताजमहल में लगभग 20 कमरे बंद हैं और किसी को भी प्रवेश करने की अनुमति नहीं है. ऐसा माना जाता है कि इन कमरों में हिंदू देवताओं की मूर्तियां हैं.
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