Trending Photos
गुवाहाटी: असम में बीजेपी विधायक की गाड़ी में ईवीएम (EVM found in BJP Leader Car) मिलने के मामले में चुनाव आयोग (Election Commission) ने प्रशासन ने इस घटना पर रिपोर्ट मांगी है. चुनाव आयोग को अब तक मिली रिपोर्ट के अनुसार, पोलिंग पार्टी की गाड़ी खराब हो गई थी, जिसके बाद पीठासीन अधिकारी ने बीजेपी विधायक की गाड़ी से लिफ्ट ले लिया, क्योंकि इस दौरान चुनाव आयोग की तरफ से नियुक्त सेक्टर अफसर ने कोई गाड़ी की व्यवस्था नहीं की थी.
चुनाव आयोग (Election Commission) को जिला निर्वाचन अधिकारी से अब तक मिली प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक पोलिंग पार्टी को शुरुआत में जानकारी नहीं थी कि जिस गाड़ी में वो लिफ्ट ले रहे हैं, वह बीजेपी विधायक (BJP MLA) की गाड़ी है. बता दें कि गाड़ी बीजेपी विधायक की पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड है.
ये भी पढ़ें- पीएम मोदी की बांग्लादेश यात्रा के दौरान हुई हिंसा के पीछे पाकिस्तान का हाथ!
लाइव टीवी
लिफ्ट लेकर जब बीजेपी विधायक की गाड़ी से पोलिंग पार्टी लौट रही थी, तभी स्थानीय लोगों ने देख लिया और गाड़ी रोक दिया. पोलिंग पार्टी के सदस्यों को स्थानीय लोगों ने गाड़ी से निकाल दिया और भीड़ हिंसात्मक भी होने लगी. चुनाव आयोग को मिली सूचना के मुताबिक जो ईवीएम बीजेपी विधायक की गाड़ी से मिला है, वोटिंग के बाद मिला ईवीएम है. हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक ईवीएम का सील नहीं टूटा है. चुनाव आयोग को जिला निर्वाचन अधिकारी से दूसरी रिपोर्ट का भी इंतजार है.
बीजेपी विधायक की गाड़ी में ईवीएम मिलने पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'हर बार ऐसे वीडियो सामने आते हैं, जिनमें प्राइवेट गाड़ियों में ईवीएम ले जाते हुए पकड़े जाते हैं. अप्रत्याशित रूप से उनमें कुछ चीजें कॉमन होती है- गाड़ियां बीजेपी उम्मीदवार या उनके साथियों से जुड़ी होती हैं. वीडियो एक घटना के रूप में सामने आते हैं और फिर झूठ बताकर खारिज कर दिया जाता है.'
2. The videos are taken as one off incidents and dismissed as aberrations
3. The BJP uses its media machinery to accuse those who exposed the videos as sore losers.
The fact is that too many such incidents are being reported and nothing is being done about them. 2/3
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 2, 2021
चुनाव आयोग ने ईवीएम मामले में पीठासीन अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की है. चुनाव आयोग ने चार मतदान अफसरों को निलंबित कर दिया है और एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है.