Assam Latest News: असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा को पहली बार अपनी पार्टी में विरोध का सामना करना पड़ रहा है. पार्टी के एक कद्दावर नेता ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
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Difference between BJP leader Rajen Gohain and CM Himanta Biswa Sarma: बीजेपी में एंट्री के बाद से लगातार सफलता की ऊंचाइयां छूते जा रहे असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा को पहली बार बड़ी चुनौती मिल गई है. अपनी नगांव लोकसभा सीट के परिसीमन से नाराज होकर पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेन गोहैन ने शुक्रवार को असम खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. राजेन गोहेन असम बीजेपी के दिग्गज नेता रहे हैं. इस्तीफे के बाद गोहेन ने दावा किया कि गलत तरीके से हुए परिसीमन की वजह से पार्टी के लिए भविष्य में उस सीट से जीत हासिल कर पाना असंभव होगा.
निगम के अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेन गोहैन (Rajen Gohain) ने नगांव लोकसभा क्षेत्र के परिसीमन के खिलाफ शुक्रवार को असम खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और दावा किया कि भविष्य में पार्टी के लिए उस सीट से जीत पाना असंभव होगा. चा
'किसी को न मिलें असीमित अधिकार'
नगांव लोकसभा सीट से 4 बार प्रतिनिधित्व कर चुके राजेन गोहैन (Rajen Gohain) ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) से इस परिसीमन के बारे में बारे में बात की थी लेकिन उसका कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला. उन्होंने मीडिया में किसी का नाम लिए बगैर कहा कि पार्टी की प्रदेश इकाई में किसी को भी असीमित अधिकार नहीं दिए जाने चाहिए.
'नगांव में अब जीतना होगा मुश्किल'
मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में गोहैन (Rajen Gohain) ने कहा कि हाल की परिसीमन प्रक्रिया ने नगांव लोकसभा क्षेत्र को भविष्य में भाजपा की जीत के लायक नहीं छोड़ा है. इस निर्वाचन क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी जनसांख्यिकी बदलाव के कारण खतरे में डाल दिया गया है.’ उन्होंने पत्र में कहा, ‘आपके साथ कई दौर की बातचीत करने के बाद भी मैं चिंतित हूं कि नगांव लोकसभा क्षेत्र के गठन के तौर तरीके को लेकर मेरी चिंता एवं गहरे असंतोष के बाद भी कोई भी बदलाव नहीं हुआ.’
'अमित शाह के यहां भी नहीं हुई सुनवाई'
गोहैन (Rajen Gohain) ने दावा किया कि उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी अपनी चिंता से अवगत कराया था. उन्होंने उनसे लिखित में सिफारिश देने को कहा था. उन्होंने पत्र में कहा,‘अगले ही दिन मैंने ऐसा किया लेकिन दुर्भाग्य से कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला. मैं ठगा और अपमानित महसूस करता हूं कि मुझे जैसे वरिष्ठ सदस्य को पार्टी के फायदे से जुड़ी वास्तविक चिंता पर उनकी अपनी ही पार्टी के नेताओं ने नहीं सुना.’
(एजेंसी भाषा)