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आइजोल: असम और मिजोरम के पुलिस के बीच हिंसक झड़प के तीन सप्ताह बाद सोमवार देर रात हुई फायरिंग की घटना से इंटर स्टेट बॉर्डर पर तनाव एक बार फिर तनाव बढ़ गया है. मिजोरम (Mizoram) ने आरोप लगाया कि असम पुलिस (Assam Police) के जवानों ने उनके नागरिकों पर गोली चलाई, जिसमें एक व्यक्ति घायल हो गया है. वहीं पड़ोसी राज्य ने दावा किया कि सीमा के दूसरी ओर से बदमाशों ने उन पर गोलियां चलाईं जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की है.
दो पूर्वोत्तर राज्यों के पुलिस बलों के बीच 26 जुलाई को एक हिंसक झड़प हुई थी जिसमें असम के 6 पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों की मौत हो गई थी और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. सीमा विवाद को सुलझाने की प्रक्रिया अब भी जारी है.
मिजोरम के कोलासिब जिले के डिप्टी कमिश्नर एच. ललथलांगलियाना ने एजेंसी को बताया कि घटना सोमवार देर रात दो बजे असम के हैलाकांडी जिले की सीमा से लगे विवादित ऐतलांग इलाके में हुई, जब वैरेंगते नगर के तीन लोग असम के बिलाईपुर में रहने वाले एक दोस्त से मांस लेने के लिए वहां गए थे. उन्होंने दावा किया कि इंटर स्टेट बॉर्डर पर तैनात असम पुलिस के जवानों की गोलीबारी में एक व्यक्ति घायल हो गया है.
हैलाकांडी के पुलिस अधीक्षक गौरव उपाध्याय ने कहा कि फायरिंग हुई है लेकिन उन्होंने जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि दोनों ओर से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. हालांकि, जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मिजोरम की ओर से बदमाशों ने दारसिंग हिल्स की चोटी से अंधेरे में गोलियां बरसाईं, जब मजदूर मनरेगा योजना के तहत बिलाईपुर से सीमा की ओर जाने वाली सड़क का निर्माण कर रहे थे.
अधिकारी ने कहा, ‘मिजोरम की ओर से की गई गोलीबारी के जवाब में असम पुलिस के जवानों ने भी गोलियां चलाईं.’उपाध्याय ने कहा कि वह हैलाकांडी के डिप्टी कमिश्नर रोहन झा के साथ देर रात करीब दो बजे गोलीबारी के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि इलाके में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है.
बीती 26 जुलाई को भड़की हिंसा के दो दिन बाद नई दिल्ली में गृह मंत्रालय की ओर से बुलाई गई बैठक में यह फैसला लिया गया था कि अशांत असम-मिजोरम बॉर्डर पर एक तटस्थ केंद्रीय बल तैनात किया जाएगा. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की अध्यक्षता में हुई बैठक में दोनों राज्यों के मुख्य सचिव और डीजीपी शामिल हुए थे. हालांकि, राज्य पुलिस बलों ने सीमा पर पहरा देना जारी रखा है.
असम और मिजोरम के प्रतिनिधियों ने 5 अगस्त को आइजोल में बातचीत की और इंटर स्टेट बॉर्डर विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने पर सहमत हुए थे. बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया कि असम और मिजोरम की सरकारों के प्रतिनिधि प्रदेशों में रहने वाले, विशेष तौर पर सीमांत इलाके के लोगों के बीच शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना चाहते हैं और इसके लिए दोनों राज्य सभी जरूरी कदम उठाने पर सहमत हैं.
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असम सरकार ने मिजोरम की यात्रा के खिलाफ पहले जारी एक परामर्श को भी उसी दिन रद्द कर दिया था. असम के बराक घाटी के जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडी, इसके अलावा मिजोरम के तीन जिले आइजोल, कोलासिब और मामित के साथ 164 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं. 1971 में वर्षों के उग्रवाद के बाद एक अलग केंद्र शासित प्रदेश के रूप में बनाए जाने से पहले मिजोरम असम का एक जिला था.
उसके बाद सीमा कहां होनी चाहिए, इसके लिए विवाद शुरू हुआ क्योंकि इस बारे में धारणाएं अलग-अलग थीं. मिजोरम चाहता है कि यह 1875 में अधिसूचित इनर लाइन के साथ होनी चाहिए, जिसे मिजो आदिवासी मानते हैं कि यह उनकी ऐतिहासिक मातृभूमि का हिस्सा है. वहीं असम इसके काफी बाद किए गए जिले के सीमांकन के मुताबिक बॉर्डर फिक्स करना चाहता है.