Bharat Bandh: किसान आंदोलन खिंचा तो आपकी जेब पर पड़ सकता है असर, जानें कैसे
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Bharat Bandh: किसान आंदोलन खिंचा तो आपकी जेब पर पड़ सकता है असर, जानें कैसे

सदर बाजार (Sadar Bazar) के कारोबारी भी चौबीसों घंटे आंदोलन (Farmer Protest) की ही खबर जानने को बेचैन रहते हैं. उनका माल भी दिल्ली के बॉर्डर बंद होने से फंसा हुआ है. सदर बाजार के व्यापरियों ने बताया कि आंदोलन की वजह से उनका माल लुधियाना से दिल्ली नहीं आ पा रहा है.

Bharat Bandh: किसान आंदोलन खिंचा तो आपकी जेब पर पड़ सकता है असर, जानें कैसे

नई दिल्ली (वैभव परमार): किसान आंदोलन (Former's Protest) की वजह से राजधानी के सभी बॉर्डर बंद हैं. दिल्ली (Delhi) में फल और सब्जियों की किल्लत हो सकती है. ऐसे में दिल्ली के कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं. कपड़ा व्यापारियों का कंसाइंटमेंट नहीं आ पा रहा है. आर्थिक नुकसान की बात करें तो आजादपुर मंडी के आढ़ती और सदर बाजार में कपड़ा व्यापारी दोनों परेशान हैं. दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसान डटे हुए हैं. 

  1. दिल्ली के बॉर्डर सील होने से मुश्किल में व्यापारी-कारोबारी
  2. सदर बाजार, आजादपुर मंडी का काम भी बुरी तरह प्रभावित
  3. कीमतों में 30% उछाल से गांधीनगर के कारोबारी भी परेशान

दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों का आंदोलन 12वें दिन में पहुंच चुका है. कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान, बिल वापसी से कम में राजी नहीं हैं. मंगलवार 8 दिसंबर को बुलाए गए भारत बंद ने भी व्यापारियों की चिंता बढ़ा ही है. दिल्ली में दाखिल होने के लिए पांच प्रमुख बॉर्डर हैं. सिंघु बॉर्डर तो 26 नवंबर से लगातार सुर्खियों में है.अन्य सीमाओं की बात करें तो टिकरी, झारोदा बॉर्डर भी बंद हैं. औचंदी, मंगेश और पिओ मनियारी बॉर्डर पर भी दबाव बना हुआ है.

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आजादपुर मंडी का हाल
बॉर्डर बंद होने की वजह से मंडियों में माल की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित है. आजादपुर मंडी (Azadpur Mandi) के व्यापारियों का कहना है कि माल नहीं आ पा रहा है इसलिए किसानों के साथ उन्हें भी नुकसान हो रहा है. मंडी के सहारे रोजी-रोटी चलाने वालों ने किसानों से हमदर्दी जताते हुए कहा, 'किसानों का आंदोलन अपनी जगह सही है लेकिन हम विक्रेताओं को भी आंदोलन की वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, आढ़ती भी मुश्किल में हैं. माल दिल्ली बॉर्डर से आना था जो अब काफी घूम कर आ रहा है इसलिए भाड़ा बढ़ गया है.आंदोलन की वजह से फलों की कीमतें कम हो गई हैं वहीं फल और सब्जियां खराब भी हो रहीं हैं.'

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दरअसल आजादपुर मंडी से 60% सब्जियां दिल्ली के बाहर जाती हैं. बॉर्डर सील होने के कारण सब्जियां बाहर नहीं जा पा रही हैं. इस वजह से कीमतों में ठहराव आया है. आंदोलन और खिंचा तो जरूर दिल्ली में सब्जियों और फलों के दाम में तेजी आ सकती है. 

हाल ए सदर बाजार!
दिल्ली के सबसे बड़े होलसेल मार्केट सदर बाजार (Sadar Bazar) के कारोबारी भी चौबीसों घंटे आंदोलन (Farmer Protest) की ही खबर जानने को बेचैन रहते हैं. उनका माल भी दिल्ली के बॉर्डर बंद होने से फंसा हुआ है. सदर बाजार के व्यापरियों ने बताया कि आंदोलन की वजह से उनका माल लुधियाना से दिल्ली नहीं आ पा रहा है. लॉकडाउन के बाद अब आंदोलन से बिक्री पर बहुत बुरा असर पड़ा है लिहाजा उन्हे काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. 

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सिंघु और टीकरी बॉर्डर की अहमियत
सिंघु बॉर्डर, दिल्ली को सीधे अटारी बॉर्डर से जोड़ता है जो वाया करनाल-अंबाला से होकर सीधा अमृतसर जाता है. यानी ये बॉर्डर भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) को जोड़ने वाले अटारी बॉर्डर (Attari Border) को देश की राजधानी दिल्ली से कनेक्ट करता है. वहीं टीकरी बॉर्डर की बात करें तो ये सीधे हरियाणा को दिल्ली से जोड़ता है. हाइवे का रास्ता सीधे रोहतक जाता है. दिल्ली में दूध और सब्जियों की आपूर्ति के लिए भी इस बॉर्डर की अपनी अलग अहमियत है. 

ऐसे में दिल्ली के सभी छोड़े-बड़े कारोबारी जल्द से जल्द हालात सामान्य होने की उम्मीद कर रहे हैं.

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