क्या है डूंगरपुर मामला, जिसमें आजम खान को हुई 10 साल की सजा?
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क्या है डूंगरपुर मामला, जिसमें आजम खान को हुई 10 साल की सजा?

Azam Khan News: इस मामले में आजम खान के खिलाफ 2019 में रामपुर की डूंगरपुर बस्ती में रहने वाले लोगों ने बस्ती को खाली कराने के नाम पर लूटपाट, चोरी, मारपीट समेत अन्य धाराओं में गंज थाने में 12 मुकदमे दर्ज कराए थे.

क्या है डूंगरपुर मामला, जिसमें आजम खान को हुई 10 साल की सजा?

Dungarpur Basti Case: समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और मुलायम परिवार के करीबी आजम खान पर एक और गाज गिरी है. जबरन घर खाली करवाकर उसे ध्वस्त कराने के मामले में रामपुर की विशेष एमपी एमएलए अदालत ने आजम खान को दस साल की सजा सुनाई है. इस सजा के साथ ही उन्हें 14 लाख रुपए जुर्माने की सजा भी सुनाई गई है. आइए समझते हैं कि आखिरकार क्या है डूंगरपुर मामला जिसमें आजम खान को सजा सुनाई गई है क्योंकि इस मामले में आजम खान पर मारपीट, डकैती और आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप काफी पहले ही लगा था. रामपुर एमपी एमएलए कोर्ट ने आजम खान को दोषी करार दिया.

2016 में बुलडोजर चलवाया?

असल में यह पूरा मामला रामपुर से ही जुड़ा हुआ है. रामपुर की पुलिस लाइन स्थित डूंगरपुर की आसरा कॉलोनी को समाजवादी पार्टी की सरकार के समय अवैध करार दे दिया गया था. इसके बाद 2016 में यहां बुलडोजर चलवाया गया. इसे इस मामले में आजम खान के खिलाफ 2019 में डूंगरपुर बस्ती में रहने वाले लोगों ने बस्ती को खाली कराने के नाम पर लूटपाट, चोरी, मारपीट समेत अन्य धाराओं में गंज थाने में 12 मुकदमे दर्ज कराए थे.

क्या है डूंगरपुर मामला

शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि यह मामला 2019 में दर्ज हुआ था. जबकि, घटना 2016 की थी. वादी का आरोप था कि उनके घर में घुसकर जान से मारने की कोशिश और लूटपाट की गई. घर को जबरन खाली करवाया गया, बुलडोजर से घर तोड़ दिया गया. जज ने आजम खान को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है. हालांकि इनमें से तीन मुकदमों में फैसला आ चुका है. दो मामलों में सपा नेता बरी हो चुके हैं, जबकि एक मामले में उन्हें सात साल कैद की सजा सुनाई जा चुकी है. 

ठेकेदार और आजम खान आरोपी

यह फैसला रामपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट के सेशन जज डॉ. विजय कुमार ने सुनाया है. इस मामले में ठेकेदार बरकत अली और आजम खान आरोपी हैं. डूंगरपुर निवासी अबरार हुसैन ने गंज थाने में 13 अगस्त, 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोप लगाया था कि तत्कालीन सीओ आले हसन, दरोगा फिरोज खान, ठेकेदार बरकत अली, सीएंडडीएस के जेई परवेज आलम 6 दिसंबर, 2016 की सुबह बस्ती में पहुंचे और उनसे मकान खाली करने को कहा. दरोगा फिरोज ने फायरिंग भी की थी. 

साथ ही उसकी वॉशिंग मशीन, सोना, चांदी और 5,000 रुपए लूटकर ले गए. विवेचना के दौरान सपा नेता आजम खान का भी नाम शामिल किया गया था. इस मुकदमे में जानलेवा हमला और डकैती के भी आरोप लगे हैं.

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