Bajrang Dal History: बजरंग दल (Bajrang Dal) की स्थापना उत्तर प्रदेश में अक्टूबर 1984 में हुई थी और यह विश्व हिंदू परिषद (VHP) की युवा इकाई है. विनय कटियार (Vinay Katiyar) को बजरंग दल का संस्थापक माना जाता है.
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Karnataka Assembly Election: कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस (Congress) ने अपने घोषणापत्र में बजरंग दल (Bajrang Dal) पर बैन लगाने का वादा किया है. इसके बाद राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है और इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) लगातार कांग्रेस को घेरने की कोशिश में लगी है. बता दें कि कांग्रेस ने मंगलवार को जारी अपने घोषणापत्र (Congress Manifesto for Karnataka) में बजरंग दल की तुलना पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) जैसे संगठनों से की और उन पर प्रतिबंध लगाने की बात कही. बीजेपी को बजरंग दल के बहाने बजरंग बली का मुद्दा मिल गया है और अब पार्टी ने इसे चुनावी मुद्दा बना लिया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बजरंग दल क्या है और इसकी शुरुआत कैसे हुई थी.
1984 में की गई थी बजरंग दल की स्थापना
बजरंग दल (Bajrang Dal) की स्थापना उत्तर प्रदेश में अक्टूबर 1984 में हुई थी और यह विश्व हिंदू परिषद (VHP) की युवा इकाई है. विनय कटियार (Vinay Katiyar) को बजरंग दल का संस्थापक माना जाता है, जो लोकसभा और राज्यसभा के सांसद रह चुके हैं. बजरंग दल की स्थापना राम-जानकी रथ यात्रा (Ram Janki Rath Yatra) को सुरक्षा देने के लिए की गई थी.
क्या है बजरंग दल का उद्देश्य?
हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा के आधार पर स्थापित बजरंग दल (Bajrang Dal) का मुख्य उद्देश्य था हिंदू समाज को संरक्षित करना और हिंदू धर्म और संस्कृति को बचाना है. बजरंग दल अक्सर हिंदू धर्म से जुड़ी मुद्दों पर अपने विचारों को प्रगट करता है और हिंदू समुदाय के उद्धार के लिए संघर्ष करता है. बजरंग दल का नारा 'सेवा, सुरक्षा और संस्कृति' है. बजरंग दल के मुख्य उद्देश्यों में अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण, मथुरा कृष्ण जन्मभूमी मंदिर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर का प्रसार शामिल है.
बजरंगबली से क्या है कनेक्शन?
बजरंग दल (Bajrang Dal) का नाम बजरंगबली के नाम पर रखा गया था. यहीं वजह है कि कांग्रेस के घोषणापत्र जारी करने के बाद से ही कर्नाटक की राजनीति बजरंगबली के इर्द-गिर्द घूम रही है. बीजेपी ने अब कर्नाटक में बजरंगदल पर बैन को बजरंगबली के अपमान से जोड़ दिया है. बीजेपी बजरंग दल पर बैन के मुद्दे को हर स्तर पर उठा रही है. फिर चाहे वो पीएम मोदी हों या फिर पार्टी के सामान्य कार्यकर्ता बीजेपी ने बजरंगबली को प्रचार का प्रमुख मुद्दा बना लिया है.
साल 1992 में बजरंग दल पर लगा था बैन
कांग्रेस ने अब कर्नाटक में बजरंग दल (Bajrang Dal) पर बैन लगाने का वादा किया है, लेकिन इससे 31 साल पहले कांग्रेस इस पर एक बार बैन लगा भी चुकी है. 6 दिसंबर 1992 को जब भीड़ ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहा दिया था, तब कांग्रेस की नरसिम्हा राव सरकार ने बजरंग दल के अलावा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS), विश्व हिन्दू परिषद (VHP), इस्लामिक सेवक संघ और जमात-ए-इस्लामी हिंद पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, प्रतिबंध के 6 महीने में ही Unlawful Activities (Prevention) ट्रिब्यूनल ने बजरंग दल से प्रतिबंध हटा दिया था.