​​कोरोना मरीजों को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार ने किया अहम फैसला, प्राइवेट अस्पतालों को दिया ये आदेश
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​​कोरोना मरीजों को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार ने किया अहम फैसला, प्राइवेट अस्पतालों को दिया ये आदेश

 कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के लोगों के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं.

​​कोरोना मरीजों को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार ने किया अहम फैसला, प्राइवेट अस्पतालों को दिया ये आदेश

कोलकाता: कोरोना वायरस (coronavirus) महामारी को देखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के लोगों के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं.बंगाल सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों से कहा है कि वो कोविड-19 (COVID-19) के मरीजों को मुफ्त इलाज उपलब्ध करवाएं और दिहाड़ी मजदूरों को 1000 रुपए भी दें.  सरकार ने ये फैसला राज्य के उन लोगों के लिए किया है, जो इस वक्त बहुत ही मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं. 

सरकार ने इसे लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले किए हैं. सरकार ने कहा है कि दिहाड़ी मजदूरों को अनुग्रहपूर्वक 1000 रुपए का भुगतान किया जाए और राज्य सरकार के तहत आने वाले प्राइवेट अस्पताल कोविड-19 मरीजों का मुफ्त इलाज करें. 

इसके साथ ही 24 अप्रैल से 31 मई तक राशन की दुकानों को सुबह 8 बजे से दिन के 12 बजे तक और दोपहर 2 बजे से रात के 8 बजे तक खुला रखने के लिए कहा गया है. 

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से राज्य की ममता बनर्जी सरकार और गृह मंत्रालय के बीच राजनीतिक उठापटक चल रही है. गृह मंत्रालय ने कोलकाता और जलपाईगुड़ी, जो कोरोना के हॉटस्पॉट हैं, यहां फील्ड विजिट के लिए Interministerial central team भेजी थी. इसी बात को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच खींचतान चल रही थी.

लेकिन अब राज्य सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं और लोगों के फायदे के लिए कल्याणकारी कदम उठाना शुरू किया है, जिससे उनकी मूलभूत जरूरतें पूरी हो सकें.

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प्राइवेट अस्पतालों को मुफ्त इलाज के लिए कहा गया है और ये पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी. अगर मरीजों को सरकारी अस्पतालों से इन प्राइवेट अस्पतालों में रेफर किया जाता है, तो अस्पताल इलाज करने से मना नहीं कर सकते. इसके साथ ही प्राइवेट अस्पतालों को अपने यहां ये नोटिस भी लगाना होगा कि यहां कोविड-19 के मरीजों का मुफ्त इलाज होगा और ये खर्च पश्चिम बंगाल सरकार उठाएगी.

इसके साथ ही सरकार ने एक नई स्कीम 'प्रचेष्टा' की भी शुरुआत की है. जिसके तहत दिहाड़ी मजदूरों को 1000 रुपए का भुगतान किया जाएगा. ये भुगतान उन लोगों को किया जाएगा, जो पश्चिम बंगाल के स्थायी निवासी हैं और कोविड-19 की वजह से उनका रोजगार खत्म हो गया है. इसके लिए एक फॉर्म भरकर ​डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, डिस्ट्रिक्ट ​कमिश्नर और कोलकाता नगर निगम के पास जमा करना होगा. ये आवेदन व्यक्तिगत रूप से जाकर जमा करने होंगे. ये योजना 15 अप्रैल से 15 मई तक प्रभावी रहेगी. पैसे सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए जाएंगे. 

ताजा आकंड़ों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में कोविड-19 से 15 लोगों की मौत हो गई है और संक्रमण के 362 एक्टिव केसेज हैं. बंगाल में 9 जिले ग्रीन जोन में हैं. वहीं 11 जिले ऑरेंज जोन में और 4 जिले रेड जोन में हैं. रेड जोन वाले जिलों में कोलकाता, हावड़ा, पूर्वी मिदनापुर और नॉर्थ 24 परगना शामिल हैं.  

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