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नई दिल्ली: भारतीय कोविड वैक्सीन को लेकर एक बड़ी खबर आई है. भारत बायोटेक ने अपनी कोविड वैक्सीन COVAXIN के तीसरे चरण के ट्रायल (Third Phase Trial) के नतीजे अधिकारिक रूप से जारी कर दिए हैं. इनके मुताबिक COVAXIN को कोरोना के खिलाफ 77.8% प्रभावी पाया गया है. वहीं खतरनाक डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ यह 65.2% असरदार है. तीसरे चरण के ट्रायल में कुल 24,419 लोगों को शामिल किया था जिसमे से 12,221 लोगों को असली वैक्सीन के दोनों डोज दिए गए थे और 12,198 लोगों को प्लेसिबो दी गई थीं.
कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमण के शिकार हुए लोगों की बात करें तो कोवैक्सीन इसके खिलाफ 93.4% प्रभावी पाया गया है. कंपनी ने अधिकारिक नतीजे जारी करते हुए बताया कि तीसरे चरण के ट्रायल में भाग लेने वाले 16,973 लोगों को दोनों डोज (असली वैक्सीन या प्लेसिबो) देने के बाद कम से कम 2 हफ्तों तक उनकी सेहत पर नजर रखी गई. इस फॉलोअप में पाया गया कि 130 वॉलंटियर्स को कोविड संक्रमण हुआ, उसमें से 24 लोग ऐसे थे जिन्हें असली वैक्सीन के दोनों डोज लगने के बाद COVID हुआ था, वहीं 124 वॉलंटियर्स को प्लेसिबो लगने के बाद कोविड हुआ था.
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इसी तरह COVID का गम्भीर संक्रमण जिन 16 वॉलंटियर्स में देखा गया, उनमें से केवल 1 को असली वैक्सीन के दोनों डोज दिए गए थे और बाकी 15 को प्लेसिबो दिया गया था. इस ट्रायल में यह भी पाया गया कि 60 साल से ऊपर के लोगों पर कोवैक्सीन 67.8% प्रभावी है और 60 साल से कम उम्र के लोगों पर 79.4% प्रभावी है
तीसरे चरण के ट्रायल के दौरान कुल 99 वॉलंटियर्स में गंभीर साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिले. इनमें से 39 वॉलंटियर्स असली वैक्सीन वाले और 60 प्लेसिबो वाले थे. तीसरे चरण के ट्रायल में भाग लेने वाले 15 वॉलंटियर्स की मौत भी हुई है. इसे लेकर कंपनी ने जोर देकर कहा कि इनमें से किसी भी वॉलंटियर की मौत का कारण वैक्सीन या प्लेसिबो का साइड इफेक्ट नहीं था. इनमें से 5 वॉलंटियर्स को असली वैक्सीन और 10 को प्लेसिबो दी गई थी. साथ ही मरने वाले 15 वॉलंटियर्स में से 6 की मौत कोरोना संक्रमण से हुई और इनमें से 1 को असली वैक्सीन और 5 को प्लेसिबो दिया गया था.