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नई दिल्ली: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) ने गुरुवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की. बता दें कि भूपेंद्र हुड्डा कांग्रेस के असंतुष्ट ग्रुप जी-23 से सदस्य हैं और इससे पहले बुधवार को G-23 नेताओं ने दिल्ली में गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के घर एक बैठक की थी, जिसमें फैसला किया गया कि कांग्रेस समान विचारधारा वाली सभी ताकतों के साथ संवाद की शुरुआत की जाए ताकि 2024 के लिए विश्वसनीय विकल्प पेश करने के लिए एक मंच बन सके.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) को मनाने और नाराज गुट जी-23 से अलग करने के लिए कांग्रेस ने फॉर्मूला तैयार किया है. पार्टी जल्द ही भूपेंद्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा (Deepender Hooda) को हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष बना सकती है. राहुल गांधी और भूपेंद्र हुड्डा के बीच करीब 50 मिनट तक चली बैठक में संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे.
राहुल गांधी से मुलाकात करने के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) गुलाम नबी आजाद से मिलने पहुंचे हैं. बताया जा रहा है कि गुलाम नबी आजाद आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक आजाद G-23 नेताओं की बैठक में उठाए गए मुद्दों से सोनिया गांधी को अवगत कराएंगे.
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राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के आवास पर हुई इस बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर, शंकर सिंह बाघेला, अखिलेश प्रसाद सिंह, संदीप दीक्षित, विवेक तन्खा, पृथ्वीराज चव्हाण, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज बब्बर, मणिशंकर अय्यर, पी जे कुरियन, राजेंद्र कौर भट्टल, कुलदीप शर्मा, परनीत कौर और एम ए खान शामिल हुए. असंतुष्ट नेताओं की इस मीटिंग में अय्यर का शामिल होना चौंकाने वाला है, क्योंकि वह गांधी परिवार के खास माने जाते हैं. G-23 नेताओं ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वे तब तक पार्टी नहीं छोड़ेंगे, जब तक उन्हें बाहर नहीं किया जाता.
बैठक के बाद इन नेताओं ने कहा, 'हम कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने विधानसभा चुनाव के नतीजों और पार्टी से नेताओं के निकलने को लेकर विचार विमर्श किया. हमारा मानना है कि कांग्रेस के लिए आगे बढ़ने का यही तरीका है कि सामूहिक और समावेशी नेतृत्व की व्यवस्था अपनाई जाए और हर स्तर पर निर्णय हो'. उनका यह भी कहना है कि भाजपा का विरोध करने के लिए जरूरी है कि कांग्रेस पार्टी को मजबूत किया जाए. हम मांग करते हैं कि कांग्रेस समान विचारधारा वाली सभी ताकतों के साथ संवाद की शुरुआत करे ताकि 2024 के लिए विश्वसनीय विकल्प पेश करने के लिए एक मंच बन सके.
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