भारत में COVISHIELD कोरोना वैक्सीन के एमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है. ये वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित की गई है.
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नई दिल्ली: नए साल की शुरुआत होते ही भारत को पहली कोरोना वैक्सीन (India's First Corona Vaccine) का तोहफा मिल गया है. शुक्रवार को सब्जेक्ट एक्पर्ट कमेटी के साथ हुई बैठक में भारत ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) द्वारा निर्मित कोविशील्ड (COVISHIELD) कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सब्जेक्ट एक्पर्ट कमेटी ने सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन को रिकमेंड किया है. हालांकि अंतिम निर्णय डीसीजीआई (ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) द्वारा ही लिया जाएगा. यानी DCGI की अप्रूवल मिलते ही अगले 6-7 दिनों में वैक्सीनशन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.
बताते चलें कि पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने कोविशील्ड के उत्पादन के लिए एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) के साथ करार किया है. एसआईआई दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी है. इससे पहले ब्रिटेन की मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित तथा एस्ट्राजेनेका द्वारा निर्मित टीके को बुधवार को मंजूरी प्रदान की थी.
आपात उपयोग की मंजूरी (UAE) के आवेदन पर SII में सरकार और नियामक मामलों के अतिरिक्त निदेशक प्रकाश कुमार सिंह के हस्ताक्षर हैं जिसमें कहा गया है, ‘सुरक्षा के लिहाज से देखें तो कोविशील्ड ने अपेक्षित प्रतिकूल स्थितियों में अच्छा प्रदर्शन किया. अधिकतर अपेक्षित प्रतिक्रियाएं गंभीरता के लिहाज से बहुत मामूली थीं और उन्हें सुलझा लिया गया तथा कोई अन्य लक्षण नहीं दिखाई दिये.’
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इस बीच 2 जनवरी को देशभर के सभी राज्यों की राजधानी में कोरोना वायरस के वैक्सीनेशन का ड्राई रन होगा, जिसमें कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को परखने का काम किया जाएगा. हर राज्य अपने राज्य की राजधानी के 3 पॉइंट पर ड्राई रन आयोजित करेंगे. महाराष्ट्र और केरल की सरकारों ने केंद्र को बताया है कि वह अपनी राज्य की राजधानी के अलावा राज्य के बड़े शहरों में भी ड्राई रन का आयोजन करेंगे. बता दें कि इससे पहले 28 और 29 दिसंबर को देश के 4 राज्यों में ड्राई रन का आयोजन किया गया था. बता दें कि ड्राई रन (Dry Run) के दौरान यह परखा जाएगा कि जिन जिलों में वैक्सीन को स्टोर किया जाना है, वहां से राज्य के आखिरी पॉइंट तक पहुंचने में कुछ दिक्कत तो नहीं आ रही है.
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टीकाकरण के दौरान दो हेल्पलाइन नंबर रहेंगे, जिसमें किसी भी समस्या को लेकर मदद मांगी जा सकती है. टीकाकरण के लिए बने एंपावर्ड ग्रुप में अभी तक पहले चरण में वैक्सीनेशन के लिए स्वास्थ्य सेवा से जुड़े तकरीबन एक करोड़ लोगों को टीकाकरण की सिफारिश की है. इसके बाद प्राथमिकता के आधार पर 27 करोड़ लोगों के लिए टीकाकरण की सिफारिश की गई है.