रूस-यूक्रेन युद्ध से भारत के लिए सबसे बड़ा सबक, इन गलतियों को सुधारना बेहद जरूरी
Advertisement

रूस-यूक्रेन युद्ध से भारत के लिए सबसे बड़ा सबक, इन गलतियों को सुधारना बेहद जरूरी

Lesson for India: रूस-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन की गलतियों से भारत को सबक लेना चाहिए. इसमें सबसे बड़ा सबक ये है कि भविष्य में जंग जीतने के लिए उधार की ताकत पर निर्भर नहीं रहा जा सकता है. हमें हथियारों और युद्ध तकनीक के बारे में आत्मनिर्भर होने की जरूरत है.

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली: बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि गलतियों से सबक लेना चाहिए. लेकिन ये जरूरी तो नहीं कि खुद की गलती से ही सीखा जाए, दूसरों की गलती से भी सीखकर अपनी नीतियों में बदलाव किया जा सकता है. इस समय ये बात भारत के लिए बिल्कुल सटीक बैठती है. रूस-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन की गलतियों से भारत को सबक लेना चाहिए. इसमें सबसे बड़ा सबक ये है कि भविष्य में जंग जीतने के लिए उधार की ताकत पर निर्भर नहीं रहा जा सकता है. हमें हथियारों और युद्ध तकनीक के बारे में आत्मनिर्भर होने की जरूरत है. तभी भारत भविष्य में आने वाली जंग जैसी चुनौतियों का सामना कर पाएगा.

  1. रूस-यूक्रेन युद्ध से भारत को लेना चाहिए सबक
  2. भविष्य की जंगों के लिए रक्षा बजट को बढ़ाने की जरूरत
  3. रक्षा मामलों में दूसरे देशों से कम करनी होगी निर्भरता

रक्षा बजट को बढ़ाना बेहद जरूरी

भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ (CDS) बिपिन रावत (Bipin Rawat) जब जीवित थे तब बार-बार ये कहते थे कि देश को स्‍वदेशी हथियारों और तकनीक की जरूरत है. इस बात की अहमियत रूस-यूक्रेन युद्ध ने बढ़ा दी है. जो लोग रक्षा बजट में कमी करने के पक्षधर हैं उन्हें ये बात समझनी चाहिए कि ऐसा करना देश को कितने बड़े खतरे में डाल सकता है. भारत के लिए तो ये इसलिए भी अहम है क्योंकि पड़ोस में दुश्मन परमाणु हथियार लिए आंख दिखा रहे हैं.  सोचकर देखिए कल को अगर पाकिस्तान चीन के साथ मिलकर भारत पर हमला कर दे तो हमें दूसरे देशों की मदद के सहारे होंगे. इसलिए हमें अभी से तैयार रहना होगा.

ये भी पढ़ें: भारत के इस एहसान से पोलैंड मेहरबान! आज भी चलता है दिग्विजय सिंह के नाम से स्कूल

युद्ध को मुंह लगाना नहीं है समझदारी की बात

इस युद्ध को इतिहास में याद रखा जाएगा. रूसी हमले के बीच यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्‍की ने अमेरिका के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था जिसमें उन्हें कीव से निकलने का ऑफर दिया गया था. ऐसा करके उन्होंने रूस जैसे शक्तिशाली देश से लड़ने की हिम्मत तो दिखाई जानकारों का कहना है कि बड़ी-बड़ी बातों में आकर ऐसे युद्ध को मुंह लगाना समझदारी की बात नहीं है. यूक्रेन को फिर से खड़े होने में दशकों लग जाएंगे.

युद्ध अकेले ही लड़ना पड़ता है

रूस के इस कदम पर दुनियाभर के देश उसकी निंदा कर रहे हैं. कई देशों ने रूस पर प्रतिबंध तक लगा दिया है. लेकिन कोई भी देश रूस से सीधे तौर पर भिड़ने नहीं आ रहा है. जो अमेरिका रातों-रात तालिबान के हाथ में अफगानिस्तान सौंप कर भाग खड़ा हुआ, उससे यूक्रेन युद्ध में मदद की क्या आस कर सकता है. कहने का मतलब ये है कि देशों को युद्ध अकेले की लड़ने पड़ते हैं.

चीन लगातार बढ़ा रहा है रक्षा बजट

सेना को मजबूत बनाने के लिए खर्च भी करना पड़ता है. एक स्टडी के मुताबिक, रूस अपनी जीडीपी का 4.3 फीसदी रक्षा पर खर्च करता है. रूस-यूक्रेन युद्ध को देखते हुए भारत के पड़ोसी चीन ने भी रक्षा बजट में काफी बढ़ोतरी की है. हाल ही में अपने बजट ड्राफ्ट में चीन ने 7.1 फीसदी की बढ़ोतरी की है, पिछले साल चीन ने 6.8 फीसदी की वृद्धि की थी. लेकिन भारत का रक्षा बजट जीडीपी का केवल 2.1 फीसदी है. इसके साथ ही देश में कई लोग इसे और कम करने की पैरवी करते हैं.

ये भी पढ़ें: रूस-यूक्रेन की जंग का होने लगा असर, भारत समेत इन देशों को हो रहा नुकसान

रक्षा मामलों में आत्मनिर्भर होना जरूरी

इसके अलावा भारत सैन्य हथियारों के लिए काफी हद तक रूस पर निर्भर है. युद्ध के बीच अमेरिका जैसे देशों ने प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर दिया है. ऐसे में भारत को भी दिक्कत हो सकती है. इस बात को ध्यान में रखते हुए भारत को रक्षा मामले में जल्द से जल्द आत्मनिर्भर होने की जरूरत है. इसके लिए मैन्‍यूफैक्‍चरिंग सेक्‍टर को बढ़ावा देना होगा. सेक्‍टर के लिए तमाम तरह की टैक्‍स रियायतों की पोटली खोलनी होगी.

LIVE TV

Trending news