भागलपुर में सीने से सटे दो जुड़वा बच्चों का हुआ जन्म, एक झलक के लिए अस्पताल पहुंच रहे लोग
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भागलपुर में सीने से सटे दो जुड़वा बच्चों का हुआ जन्म, एक झलक के लिए अस्पताल पहुंच रहे लोग

स्त्री रोग विशेषज्ञा डा.अन्वेशा ने बताया कि इस अनोखे बच्चे की मां का इलाज उन्हीं की निगरानी में चल रहा था. गुरुवार के दिन मातृ शक्ति को पीड़ा हुई, जिसके बाद इलाज के दौरान एक मां ने अनोखे बच्ची को जन्म दिया.

भागलपुर में सीने से सटे दो जुड़वा बच्चों का हुआ जन्म, एक झलक के लिए अस्पताल पहुंच रहे लोग

भागलपुर: कजरैली के मोहद्दीपुर निवासी संतोष कुमार की पत्नी अंजना देवी ने एक निजी अस्पताल में 30 दिसंबर को सुबह दो बच्ची को जन्म दिया है. इन दोनों बच्ची के सीने, पेट और मुंह एक साथ सटे हुए हैं. कहने को तो बच्ची दो हैं, लेकिन एक ही बच्ची के चार पैर, चार हाथ और दो सिर है. इस अनोखे बच्ची को देखने के लिए लोग दूर-दूर से अस्पताल आ रहे हैं. इन बच्ची के जन्म की सूचना जैसे ही लोगों तक पहुंची तो अस्पताल में भीड़ दिनभर उमड़ती रही. कोई इस बच्चे को प्रकृति का चमत्कार बता रहे हैं तो कोई इसे भगवान का अवतार बता रहा है.

नवजात शिशु को उचित इलाज की है जरूरत
बता दें कि स्त्री रोग विशेषज्ञा डा.अन्वेशा ने बताया कि इस अनोखे बच्चे की मां का इलाज उन्हीं की निगरानी में चल रहा था. गुरुवार के दिन मातृ शक्ति को पीड़ा हुई, जिसके बाद इलाज के दौरान एक मां ने अनोखे बच्ची को जन्म दिया. डॉक्टर अन्वेशा ने बताया कि दोनों बच्ची का सीना और पेट एक दूसरे से सटा हुआ है. जन्म के बाद नवजात बच्चा सुरक्षित है. माता पिता सभी खुश है. अनोखी बच्चा आम बच्चों की तरह जन्म लेते ही रोइ है. वही डॉक्टर ने बताया अगर इसका इलाज ढंग से कराया जाए और इस अनोखे बच्चे को अगर उचित जगह पर ऑपरेशन कराए जाए तो यह एक बच्चा दो बच्चे में विभक्त होकर जीवित रह सकता है.

बच्चों के लिए स्कैनिंग टू की है जरूरत
वही चिकित्सकों की माने तो ऐसे बच्चे के लिए level-2 स्कैनिंग होता है. जनरली यहां पर लोग करवा नहीं पाते है, जो प्रेगनेंसी के लिए फर्स्ट अल्ट्रासाउंड होता है. उसको तो कर लेते हैं, लेकिन जो level-2 स्कैनिंग होता है. उसमें इस तरह के बच्चों का समय से पहले पता कर लेते हैं, इस तरह के बच्चों को हम लोग उसमें रोलआउट कर देते हैं. यह छोटा शहरी एरिया है, लोग जागरूक नहीं है, हम लोग एडवाइज तो करते हैं लेकिन लोग इसको फॉलो नहीं कर पा रहे हैं. आगे से हमलोग और कोशिश करेंगे कि level-2 स्केनिंग भी हो जाए, ताकि इस तरह के बच्चे न आ पाए और समय से पहले लोगों को पता लग जाए.

इनपुट- अजय कुमार भागलपुर

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