Mahashivratri 2023: सभी शिवालयों में सजावट का कार्य अंतिम चरण पर है. क्षेत्र के सुप्रसिद्ध बाबा ज्यैष्ठौर नाथ महादेव मंदिर की महिमा अपरंपार है. मान्यता है कि यहां जो भी भक्त सच्चे मन से कुछ भी मांगते है, तो बाबा भोलेनाथ उनकी हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं
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बांकाः Mahashivratri 2023: बिहार के बांका में महाशिवरात्रि पर्व को लेकर भक्तजनों और श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है. महाशिवरात्रि पर्व को लेकर क्षेत्र के प्रसिद्ध बाबा ज्येष्ठा नाथ महादेव मंदिर, बाबा पटिया नाथ मंदिर, बाबा धनेश्वर नाथ महादेव मंदिर, बाबा जगतेश्वर नाथ महादेव मंदिर, बाबा भुमफोड़ नाथ महादेव मंदिर, फतेहपुर गांव में स्थित महादेव मंदिर, मेढ़ियानाथ महादेव मंदिर समेत कई अन्य शिवालयों पर रंग-रोगन के कार्य किए जा रहे है.
भक्तों की मनोकामना होती है पूर्ण
सभी शिवालयों में सजावट का कार्य अंतिम चरण पर है. क्षेत्र के सुप्रसिद्ध बाबा ज्यैष्ठौर नाथ महादेव मंदिर की महिमा अपरंपार है. मान्यता है कि यहां जो भी भक्त सच्चे मन से कुछ भी मांगते है, तो बाबा भोलेनाथ उनकी हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं और बाबा ज्येष्ठ गौरी नाथ महादेव की मान्यता है कि बाबा बासुकीनाथ के बड़े भाई के रूप में है.
विशाल तरीके से निकाली जाती है शिव बारात
वहीं मौके पर मंदिर के पुजारी राजा बाबा ने बताया कि महाशिवरात्रि के अवसर पर मंदिर परिसर से विशाल तरीके से शिव बारात निकाली जाती है. जो पुरे गांव का भ्रमण करते हुए वापस मंदिर परिसर पहुंचकर समाप्त होती है. उन्होंने बताया कि अमरपुर प्रखंड को देवनगरी भी कहा जाता है. जिसका जीता जागता प्रमाण बाबा ज्येष्ठा नाथ महादेव मंदिर में देखने को मिलता है. यहां एक तरफ पूर्वी छोर पर अंग प्रदेश के राजा दानवीर कर्ण की चिता भूमि है तो दूसरी तरफ दक्षिण छोर पर मां दक्षिणेश्वर काली मंदिर है.
महाशिवरात्रि पर होता है विशाल मेले का आयोजन
श्रद्धा पूरी श्रद्धा से प्रतिवर्ष सावन माह में लाखों की संख्या में भक्त आकर बाबा ज्यैष्ठौर नाथ महादेव पर जल अर्पण करते है. उन्होंने आगे बताया कि महाशिवरात्रि के अवसर पर मंदिर परिसर में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है. जिसमें आस -पड़ोस ग्रामीण क्षेत्रों में समेत दुर दराज के लोग भी आकर पूरी श्रद्धा से भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर अपनी -अपनी मन्नतें मांगते है. महाशिवरात्रि को लेकर चारों ओर भक्तिमय माहौल देखा जा रहा है.
इनपुट- बीरेंद्र बांका
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