बिहार: सहरसा के सदर अस्पताल के मुख्य गेट पर लगा कचरे का अंबार, संक्रमण फैलने का खतरा
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1220856

बिहार: सहरसा के सदर अस्पताल के मुख्य गेट पर लगा कचरे का अंबार, संक्रमण फैलने का खतरा

बिहार के सहरसा के सदर अस्पताल पीएमसीएच में स्वास्थ्य विभाग की बहुत सारी कमियां सामने आ रही हैं. दरअसल, इन दिनों परिसर का मुख्य गेट अस्पताल का कचरा डंप करने की जगह बना हुआ है. जिसके कारण संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है.

(फाइल फोटो)

Saharsa: सहरसा के सदर अस्पताल पीएमसीएच में स्वास्थ्य विभाग की बहुत सारी कमियां सामने आ रही हैं. दरअसल, इन दिनों परिसर का मुख्य गेट अस्पताल का कचरा डंप करने की जगह बना हुआ है. जिसके कारण संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है. अस्पताल में आने वाले मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. 

मुख्य गेट पर लगा कचरे का अंबार
पीएमसीएच अस्पताल की लापरवाही सामने आ रही है, जहां अस्पताल के मेन गेट पर कचरा डंप किया जा रहा है. जिसके कारण आने वाले मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल का जितना भी वेस्ट होता है, उसका सारा कचरा मुख्य गेट पर फेंका जा रहा है. जिसे वहीं खुलेआम जला जा रहा है.  इसके अलावा अस्पताल के पिछले हिस्से में भी कचरे के अंबार के साथ गंदे नाले के पानी का जमाव हो रहा है. जिसके कारण अस्पताल के मरीजों और उनके साथ आने वाले परिजनों को संक्रमण का खतरा बना हुआ है. 

मरीजों को हो रही परेशानी
अस्पताल में प्रशासन की लापरवाही यहीं समाप्त नहीं होती है. अस्पताल में मरीजों के प्राथमिक इलाज के लिए कोई तत्पर मौजूद नहीं रहता. मरीजों को किस बेड पर जाना है, कहां शिफ्ट होना है उसके लिए कोई प्रबंध नहीं है. जिसके कारण मरीज और उनके परिजनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि एक ओर स्वास्थ्य विभाग संक्रमण से बचने के लिए लोगों को जागरूक करती है. वहीं, दूसरी ओर सहरसा अस्पताल प्रशासन द्वारा मुख्य गेट पर कचरा फेंका जाता है. ऐसे में यहां इलाज कराने आने वाले मरीजों को संक्रमण का डर बना हुआ है. अस्पताल के पीछे लगे कचरे के अंबार और जलजमाव के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है. 

इलाज में लापरवाही
अस्पताल में इलाज कराने आए लोगों का कहना है अस्पताल प्रशासन लगातार लापरवाही कर रहा है. यहां पर किसी भी प्रकार का प्रबंध नहीं है. मरहम पट्टी करवाने आए मरीजों के लिए अस्पताल में कर्मी मौजूद नहीं है. यहां तक यदि स्वास्थ्य कर्मी मौजूद होते हैं तो कई घंटों के लिए मरीज को छोड़ कर चले जाते हैं. अस्पताल में बेड का प्रबंध नहीं है. स्वास्थ्य कर्मी मरीज से किसी भी कमरे के बेड और किसी भी बॉर्ड में भर्ती होने के लिए कह रहे है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अस्पताल का प्रशासन किस प्रकार से काम कर रहा है.

ये भी पढ़िये: Agneepath Scheme: बिहार में सेना भर्ती को लेकर सड़क पर उतरे छात्र, मुजफ्फरपुर और बक्सर में बवाल

Trending news