बिहार सरकार के द्वारा चलाई जा रही नल जल योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है. इस योजना की शुरुआत 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा की गई थी. आंकड़ों के अनुसार साल 2019 तक भारत के महज 16.89 प्रतिशत परिवारों तक नल से जल पहुंच रहा था.
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Saharsa: बिहार सरकार के द्वारा चलाई जा रही नल जल योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है. इस योजना की शुरुआत 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा की गई थी. आंकड़ों के अनुसार साल 2019 तक भारत के महज 16.89 प्रतिशत परिवारों तक नल से जल पहुंच रहा था. जिसके बाद 14 जून 2022 को आंकड़ों को देखा जाए तो यह लगभग 50.42 प्रतिशत पर पहुंच गया है. लेकिन उसके बाद भी बिहार के कई ऐसे जिले और क्षेत्र हैं जहां पर ग्रामीणों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.
दो साल पहले जलमीनार का हुआ था निर्माण
सरकार के आंकड़ों के हिसाब से 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या को नल जल योजना के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा है. लेकिन इसकी जमीनी हकीकत अभी भी अलग है. सहरसा जिले के सत्तर कटैया प्रखंड के बिहरा पंचायट के वार्ड नम्बर 11 में राज्य सरकार की नल जल योजना का लाभा ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है. जानकारी के मुताबिक दो साल पहले यहां लाखों की लागत से नल जल योजना के तहत जलमीनार का निर्माण किया गया था. इसके बाद भी अधिकांश घरों में अभी तक पानी का सप्लाई नहीं हो रही है. इस योजना के तहत जहां पर नल लगे भी हैं वहां पर भी लोगों को शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है.
डीएम से की गई शिकायत
ग्रामीणों का कहना है कि पानी में आयरन की मात्रा ज्यादा होती है जिससे सप्लाई वाले पानी का कोई भी इस्तेमाल नहीं करता है. सप्लाई का यह पानी यूंही बर्बाद जाता है. इस संबंध में कई बार डीएम से लेकर अन्य बड़े अधिकारियों को शिकायत की गई है. इसके बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ग्रामीण जैसे तैसे अपना काम चला रहे हैं. शुद्ध पानी न मिलने से ग्रामीण बेहद परेशान हैं.
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