Kaimur: पोखर को बचाने के लिए आगे आए ग्रामीण, अतिक्रमण हटाने का काम किया शुरू
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Kaimur: पोखर को बचाने के लिए आगे आए ग्रामीण, अतिक्रमण हटाने का काम किया शुरू

कैमूर जिले के भभुआ प्रखंड के बहूवन पंचायत के जलालपुर गांव के पोखर के पिंड पर अतिक्रमण हटाने को लेकर गांव के लोगों ने काम शुरू कर दिया है. ग्रामीण पोखर के अस्तित्व की लड़ाई कई सालों से लड़ रहे हैं.

(फाइल फोटो)

Kaimur: कैमूर जिले के भभुआ प्रखंड के बहूवन पंचायत के जलालपुर गांव के पोखर के पिंड पर अतिक्रमण हटाने को लेकर गांव के लोगों ने काम शुरू कर दिया है. ग्रामीण पोखर के अस्तित्व की लड़ाई कई सालों से लड़ रहे हैं. जिसको लेकर अंचलाधिकारी से जिलाधिकारी तक लगातार अतिक्रमण हटाने को लेकर आवेदन दे रहे हैं, लेकिन अभी तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया है. अधिकारी मामले को टालने में लगे हुए हैं. जबकि सरकार जन जीवन हरियाली अभियान को लेकर जिले के सभी तालाबों के पिंड से अतिक्रमण हटाने का सख्त निर्देश दिया हुआ है. 

ग्रामीणों का कहना है कि पोखर में पानी भर जाने के बाद वहां का जलस्तर भी बढ़ जाता है, जिससे खेतों की सिंचाई करने में भी सुविधा होती थी. लेकिन पोखर को भरकर अतिक्रमण करने से गांव का वाटर लेवल ढाई सौ फीट से भी नीचे चला गया है.

पोखर से खेतों की फसल का किया जाता है पटवन
इसको लेकर ग्रामीण बताते हैं कि पोखर जलालपुर गांव के पश्चिम साइड में बना हुआ है, जो काफी वृहद आकार में था, लेकिन गांव के ही कुछ लोगों द्वारा पोखर को भरकर अतिक्रमण कर मकान बना लिया गया है, जिससे पोखर के अस्तित्व पर संकट गहरा गया है. साथ ही सिंचाई की समस्या उत्पन्न हो गई है. पोखर भर दिए जाने से वाटर लेवल भी काफी नीचे चला गया है. इस गांव का वाटर लेवल ढाई सौ से भी नीचे है. इसी पोखर से सैकड़ों एकड़ खेतों की फसल का पटवन किया जाता है. लोग पिछले कई सालों से अधिकारियों के यहां आवेदन देकर अतिक्रमण हटाने की गुहार लगा रहे हैं. वहीं. राज्य सरकार भी जल जीवन हरियाली के तहत अतिक्रमण हटाने का निर्देश दे चुकी है लेकिन जिले के अधिकारियों के सुस्त रवैया के कारण अभी तक जलालपुर गांव के अतिक्रमण को हटाने की दिशा में कोई काम नहीं किया जा रहा है. 

जांच रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई
इसको लेकर अंचलाधिकारी तारा सिंह का कहना है कि जलालपुर गांव के पोखर का अतिक्रमण हटाने को लेकर ग्रामीणों द्वारा आवेदन दिया गया था. जहां पूर्व के अंचलाधिकारी द्वारा इस पर संज्ञान लेते हुए कर्मचारी को रिपोर्ट तैयार करने की बातें भी लिखी गई थी. पुनः कर्मचारी को रिपोर्ट तैयार करने के लिए भेजा गया है कि जितने लोगों के द्वारा अतिक्रमण किया गया हैं उनके पास रहने के लिए जमीन है या नहीं. इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी. पोखर कितने भू-भागों में अपने अस्तित्व में था और अब क्या स्थिति है एक हफ्ते के अंदर जांच रिपोर्ट आएगा. उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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