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छपरा: बिहार में इन दिनों आपराधिक घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है. एक तरफ बढ़ते अपराध ने पुलिस की नाक में दम कर रखा है तो वहीं दूसरी तरफ कैदियों के भागने की घटना में भी इजाफा हुआ है. बिहार के सारण से भी एक ऐसी ही अजीब घटना की सूचना मिल रही है जिसने प्रशासन के काम करने के तरीके पर सवाल खड़ा कर दिया है. यहां के कोपा थाना के हाजत से एक अपराधी फरार हो गया.
दरअसल वैशाली जिले से के बेलसर गांव से अभिषेक तिवारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उसके बाद पुलिस उसे गिरफ्तार कप कोपा थाना ले आई और यहां हाजत में बंद कर दिया. अभियुक्त पहले से ही पुलिस के हाथ नहीं आ रहा था और वह लंबे समय से फरार चल रहा था. उसपर लड़की के अपहरणा के साथ कई और मामले दर्ज थे. इसके बाद जब अपराधी को थाना लाकर हाजत में बंद किया गया तो इसके पहरे की जिम्मेदारी पुलिस निरीक्षक के साथ दो अन्य चौकीदार को सौंपी गई. जिसमें चौकीदार आशीष कुमार और मुक्ति नाथ मांझी थे. 5 अप्रैल को अपराधी की गिरफ्तारी के बाद इनको ही उसके पहरे की जिम्मेदारी दी गई थी.
बता दें कि इसके बावजूद वह अपराधी हाजत से फरार हो गया. जबकि इस मामले पर जब पुलिस अवर निरीक्षक रवि किशन से जिनके पास चौकीदार के साथ इस अपराधी की जिम्मेदारी थी ने कहा कि वह MLC चुनाव की मतगणना को लेकर अधिकारियों के आदेश पर ड्यूटी में तैनात था. वह उस दिन थाने में मौजूद नहीं था. इसके बाद जो जानकारी आई वह हैरान करनेवाली थी. क्योंकि थाने के एक चौकीदार मुक्ति नाथ मांझी भी उस दिन थाने पर ड्यूटी में नहीं थे, वह दिल्ली में अपना इलाज करा रहे थे.
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हालांकि थानाध्यक्ष की मानें तो इन सभी के खिलाफ ड्यूटी में लापरवाही और आदेश की अवहेलना के तहत उनके विरुद्ध लिखित कार्रवाई भी की गई है. जिसकी जानकारी वरीय पदाधिकारियों को भी दी गई है. अब ऐसे में सावल यह उठ रहा है कि एक अपराधी जिसके खिलाफ इतने संगीन मामले दर्ज थे जिसे गिरफ्तार करने में पुलिस ने कामयाबी हासिल की थी वह हाजत से कैसे फरार हो गया. साथ ही एक ऐसे चौकीदार जो कि उस समय दिल्ली में अपना इलाज कराने के लिए भर्ती थे उसके ऊपर हाजत में बंद कैदी का पहरेदारी की जिम्मेदारी कैसे सौंपी गई. पुलिस आगे इस मामले की छानबीन में जुटी है और अपराधी की तलाश भी की जा रही है.