बेगूसरायः सर्दी के सितम में आग तापने के दौरान 3 दिनों में 11 लोग झुलसे, घायल
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बेगूसरायः सर्दी के सितम में आग तापने के दौरान 3 दिनों में 11 लोग झुलसे, घायल

बिहार के बेगूसराय में लगातार जारी सर्दी के सितम में अब एक तरफ अलाव जहां लोगों की जिंदगी का सहारा बनता जा रहा है. वहीं जानलेवा भी साबित हो रहा है. अगर गौर करें तो अलाव की आग से पिछले 3 दिनों में लगभग 11 लोग हताहत हुए हैं 

बेगूसरायः सर्दी के सितम में आग तापने के दौरान 3 दिनों में 11 लोग झुलसे, घायल

बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में लगातार जारी सर्दी के सितम में अब एक तरफ अलाव जहां लोगों की जिंदगी का सहारा बनता जा रहा है. वहीं जानलेवा भी साबित हो रहा है. अगर गौर करें तो अलाव की आग से पिछले 3 दिनों में लगभग 11 लोग हताहत हुए हैं और गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. फिलहाल सभी का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है. 

अस्पताल में बेड की कमी से मरीजों को परेशानी 
वहीं अस्पताल में भी बर्न वार्ड में बेड की कमी की वजह से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि मरीजों ने चिकित्सकों के संबंध में बताया कि चिकित्सकों के द्वारा मरीजों की अच्छी तरह देखभाल की जा रही है. वहीं स्वास्थ्य प्रबंधक ने कहा है कि एकाएक बर्न मरीजों की संख्या बढ़ने से कुछ कठिनाई जरूर महसूस हुई हैं, लेकिन मरीजों की संख्या बढ़ने पर अतिरिक्त वार्ड को बर्न वार्ड में तब्दील करने की तैयारी भी विभाग के द्वारा की जा रही है. 

लोग गंभीर रूप से जख्मी
दरअसल, पिछले एक सप्ताह से लगातार कड़कड़ाती ठंड की वजह से लोगों की परेशानियां बढ़ गई है और लोग अलाव के सहारे ठंड से लड़ने की कोशिश में जुटे हुए हैं. लेकिन वहीं अलाव अब लोगों के लिए जानलेवा भी साबित हो रहा है. जिले के कई इलाकों में अलाव की आग से लोगों के शरीर में आग लग गई, जिससे लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं. देखा जाए तो हाल के दिनों में ठंड से निजात मिलने की उम्मीद नहीं की जा रही है और मौसम विभाग के द्वारा भी ठंड बढ़ने की हिदायत दी जा रही है.  

सावधानीपूर्वक करें अलाव का सेवन
ऐसे में जरूरी है कि लोगों को सावधानीपूर्वक अलाव का सेवन करने का जिससे कि वह ठंड से भी बच सके और अपने आप को सुरक्षित भी रख सकें, अस्पताल प्रबंधक पंकज कुमार ने भी लोगों से अपील की है कि ठंड को मद्देनजर रखते हुए लोग आग का सेवन जरूर करें, लेकिन बंद कमरों में आग का सेवन ना करें. साथ ही साथ अलाव जलने के बाद कमरे को बाहर से बंद नहीं करें. जिससे की अनहोनी की आशंका बनी रहती है. 

इनपुट- जितेंद्र चौधरी

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