राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम बना जिला वासियों के लिए वरदान, 25 बच्चों का निशुल्क इलाज
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राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम बना जिला वासियों के लिए वरदान, 25 बच्चों का निशुल्क इलाज

योजना के माध्यम से अब तक कुल 25 बच्चे जिनके दिल में छेद सहित अन्य गंभीर रूप से जन्मजात बीमारी है, वैसे ही मासूम मरीजों का निःशुल्क सफल ऑपरेशन करके जीवनदान दिया जा रहा है. 

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम बना जिला वासियों के लिए वरदान, 25 बच्चों का निशुल्क इलाज

बेगूसराय : सरकार द्वारा चलाए गए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जिला वासियों के लिए वरदान साबित हो रहा है. इसका असर लोगों में काफी देखा जा रहा है. इस योजना के तहत लोग काफी खुशी जाहिर कर रहे हैं. इस योजना के माध्यम से अब तक कुल 25 बच्चे जिनके दिल में छेद सहित अन्य गंभीर रूप से जन्मजात बीमारी है, वैसे ही मासूम मरीजों का निःशुल्क सफल ऑपरेशन करके जीवनदान दिया जा रहा है. 

जीवनदान मिलने से बच्चों के परिजन  खुश 
जानकारी के अनुसार नए जीवनदान मिलने से बच्चों के परिजन काफी खुश हो रहे हैं. इस कड़ी में बेगूसराय के आरबीएसके की टीम ने अपने कर्तव्य के प्रति सजगता का परिचय देते हुए गुरुवार को दो बच्चों को पुनः अहमदाबाद के सत्य साईं अस्पताल में ऑपरेशन के लिए भेजा है. इन बच्चों में बेगूसराय के कैथमा गांव निवासी गुड्डू दास का ढाई वर्षीय पुत्र रितिक कुमार व बलिया प्रखण्ड के बड़ी बलिया निवासी सुजीत कुमार का 8 माह का पुत्र अभय कुमार शामिल हैं.

अहमदाबाद के सत्य साईं अस्पताल में चल रहा इलाज

जिला समन्वयक डॉक्टर रतिश रमण ने इस संबंध में बताया कि इन दोनों बच्चों के ह्रदय में जन्म से ही छेद है. इसके चलते बच्चों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. डॉक्टरों ने बताया कि लगभग पांच माह पूर्व बच्चों को भेजा गया था, जिसकी स्क्रीनिंग की गई थी. जांच में छिद्र होने की पुष्टि हुई. उन्होंने बताया कि आरबीएसके द्वारा इन दोनों बच्चों को ऑपरेशन के लिए अहमदाबाद के सत्य साईं अस्पताल भेजा गया है.

7 वर्षों से चलाया जा रहा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य द्वारा कार्यक्रम 
बता दे कि जिले में विगत 7 वर्षों से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य द्वारा कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जो जिला वासियों के लिए वरदान साबित हो रहा है. इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीण स्तर पर उनका इलाज करवाया जाता है जो जन्मजात गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं और उनके अभिभावक बच्चों का इलाज कराने में सक्षम नहीं हैं. उन सभी बीमारियों को प्रखंड स्तर पर मौजूद आरबीएसके दल के द्वारा पहचान कर उनके अभिभावक को भरोसा दिलाते हुए बच्चों का इलाज करवाने में अपनी अहम भूमिका निर्वाह करते आ रहे हैं. इस कार्यक्रम के माध्यम से सरकार द्वारा निःशुल्क इलाज की व्यवस्था की गई है.

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