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दुमका:Jharkhand News: प्रकृति के मनोरम दृश्य के बीच संथाल परगना का गौरवपूर्ण सांस्कृतिक इतिहास वाले सुप्रसिद्ध राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव आज से शुरू हो गया. झारखण्ड सरकार ने हिजला मेला को राजकीय मेला घोषित करने के बाद हिज़ला मेला को जनजातीय हिजला राजकीय महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है. मेला का उद्घाटन इस बार भी हिजला गांव के ग्राम प्रधान ने किया. मेला के उद्घाटन के मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही.
हिजला महोत्सव आज से शुरू
24 फरवरी से 03 मार्च तक चलने वाला राजकीय जनजातीय हिजला महोत्सव की शुरुआत मयूराक्षी नदी किनारे थिरकती आदिवासी महिलाओं की नृत्य और संगीत के जरिए लोगों ने यहां की लोक संस्कृति और लोकगीत को काफी करीब से महसूस किया. मेला के उद्घाटन के मौके पर हिजला गांव के ग्राम प्रधान ने दुमका के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला के साथ -साथ प्रशासन के कई आला अधिकारी जिला परिषद अध्यक्ष की उपस्थिति में फीता काटकर शुभारंभ किया. हिजला मेले में इस बार इसकी परंपरा को कायम रखते हुए आधुनिकता के भी समावेश का प्रयास किया गया है. यहां तमाम सरकारी विभागों के एक्जीबिशन्स लगाये गये है तो वहीं लोगों के मनोरंजन का भी खास ख्याल रखा गया है.
3 मार्च तक लगेगा मेला
वहीं किसी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये है. संथाल परगना के जनजातीय समुदायों से सीधा संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से करीब 135 साल पहले शुरू हुई यह मेला मनोरंजन और हाट बाजार के साथ एकता व सद्भाव का भी प्रतीक है और आठ दिनों तक यह अपने पूरे शबाब पर होता है।जिसमे आदिवासी समाज कृषि से लेकर सरकार द्वरा चलाये जा रहे योजनाओं को जिला प्रशासन द्वारा समझाया जाता है जिसका लाभ आदिवासी समाज को मिल सके।
इनपुट-सुबीर चटर्जी
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