Bihar Liquor Ban: बिहार पुलिस ने शराब माफियों के बड़ी सफलता हासिल की है. पुलिस नें 2022 की तुलना 2023 में ज्यादा शराब जब्क की है. वहीं शराब से संबंधित मामलों में भी कमी देखने को मिली है.
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पटना: Bihar Liquor Ban: बिहार में शराबबंदी कानून के बीच महत्वपूर्ण आंकड़े सामने आए हैं. बिहार पुलिस मुख्यालय के नियमित प्रेस वार्ता में एडीजी जेएस गंगवार ने बताया कि 2022 की तुलना में 2023 में 25% कम अपराध दर्ज किए गए हैं. 2022 में 96,157 मामले दर्ज की गई थी जबकि 2023 में केवल 72,000 मामले दर्ज किए गए हैं. इस प्रकार 2023 में 25% कम अपराध दर्ज किए गए हैं. वहीं 2023 में 2022 की तुलना में 16 फीसदी कम गिरफ्तारी हुई है. 2023 में 19 फीसदी अधिक शराब की बरामद की गई है. इसका मतलब यह है कि 2023 में हमने जो फोकस रखा था कि राज्य के बाहर बैठे शराब के बड़े माफिया पर फोकस किया जाए. उसका रिजल्ट भी सामने आया है. 2023 में शराब की बरामदगी 2022 की तुलना में 23 फीसदी ज्यादा हुई है।
2022 में कुल 1,71,749 लोगों को गिरफ्तार किया गया था जबकि वर्ष 2023 में 1,43,621 लोगों को गिरफ्तार किया गया. वहीं बरामद विदेशी शराब की बात करें तो 2022 में 18 लाख लीटर शराब जब्त किए गए थे जबकि 2023 में संख्या बढ़कर 25 लाख लीटर से भी ज्यादा हो गई. कुल वाहनों की अगर बात करें जिससे शराब को ट्रांसपोर्ट किया जाता है उसमें भी इस साल बढ़ोतरी हुई है. 2022 में 16,988 वाहन जब्त किए गए. वहीं 2023 में 17,183 वाहनों को जब्त किया गया जो की 2016 से अब तक का सबसे अधिक है.
शराब मामले में पुलिस इंटीग्रेटेड प्लान के तहत कार्रवाई कर रही है और बिहार पुलिस को इसके नेटवर्क को ध्वस्त करने में बहुत बड़ी सफलता मिली है. जिसमें राज्य के बाहर बैठे माफियाओं को भी गिरफ्तारी की गई है. इसी क्रम में 2021-22 और 23 इन तीन सालों में 222 राज्य के बाहर के बड़े शराब तस्करों की गिरफ्तारी की गई है. जिसमें झारखंड से 75, हरियाणा से 57, उत्तर प्रदेश से 34, पंजाब से 14, पश्चिम बंगाल से 34, राजस्थान से 4, असम से 4, दिल्ली से साथ अरुणाचल प्रदेश से 3, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड से भी गिरफ्तारी की गई है.
2023 में फरवरी से दिसंबर तक का जो आंकड़ा है उसमें फाइन और टोटल अरेस्टिंग में 1,27,406 लोगों को गिरफ्तार किया गया. उसमें से 66,253 को फाइन लेकर छोड़ गया यानी की 52 फीसदी लोगों को फाइन लेकर छोड़ गया है. इसमें ज्यादातर शराब पीकर हंगामा करने वाले लोग शामिल हैं. शराब पीने वाले केवल पांच फीसदी लोगों को ही जेल भेजा गया है. शराब की तस्करी में जो लोग शामिल है मुख्य रूप से उनको गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. एडीजी ने कहा और शराब मुक्त बिहार बनाने का जो बिहार पुलिस का अभियान है वह 2024 में भी जारी रहेगा.
इनपुट- सनी
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