Health News: 'आक' का पौधा ऐसे कंट्रोल करता है शुगर लेवल, डायबिटीज के रोगियों के लिए है रामबाण
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Health News: 'आक' का पौधा ऐसे कंट्रोल करता है शुगर लेवल, डायबिटीज के रोगियों के लिए है रामबाण

आयुर्वेद एक ऐसा विज्ञान है जिसमें पेड़, पौधे और वनस्पतियों का इस्तेमाल औषधी के रूप में किया जाता है.

(फाइल फोटो)

Health News: आयुर्वेद एक ऐसा विज्ञान है जिसमें पेड़, पौधे और वनस्पतियों का इस्तेमाल औषधी के रूप में किया जाता है. आपको बता दें कि घर में इस्तेमाल होनेवाले खाने के मसाले से लेकर अन्य चीजों के साथ ही पूजा से लेकर अन्य कार्यों में इस्तेमाल होनेवाले फूल, फल आदि सभी का इस्तेमाल किसी ना किसी तरह आयु्र्वेद में औषधी के रूप में होता रहा है. ऐसे में कई ऐसे पेड़-पौधे भी आयुर्वेद में वर्णित हैं जिसका इस्तेमाल गंभीर से गंभीर बीमारियों के इलाज में किया जाता है. ऐसा ही एक पौधा है आक का जिसका फूल भगवान शिव को बेहद प्यारा है. इसे मदार भी कहा जाता है. 

आपको बता दें कि आक का पौधा कई औषधीय गुणों से भरा हुआ है. हालांकि इसको जहरीले पौधे के तौर पर भी देखा जाता है, लेकिन, आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल कई बीमारियों में रामबाण औषधी के रूप में किया जाता है. डायबिटीज या शुगर के मरीजों के लिए यह पौधा किसी रामबाण औषधी से कम नहीं है. 

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बता दें कि इसके इस्तेमाल मात्र से रातभर में आप ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं. हालांकि डायबिटीज के अलावा भी कई और बीमारियों में इसका इस्तेमाल औषधी के रूप में होता है. 

ऐसे में सबसे पहले आपको आक की कुछ पत्तियां लेनी है. इसे अच्छे से साफ कर लेना है. इसके ऊपर मौजूद हल्दी कांपों को हटा देना है. अब आक के पत्ते के चिकनेवाले हिस्से को अपने पैर के तलवों पर लगाना है. इसको यहां टिकाकर रखने के लिए आप मौजा भी पहन सकते हैं ताकि यह तलवे से चिपका रहे. रातभर इन पत्तों को ऐसे ही पैर से बंधा रहने दें. इस प्रक्रिया को लगातार 20 दिन तक दोहराएं आपका शुगर लेवल नॉर्मल हो जाएगा और डायबिटीज ठीक भी हो सकती है. 

वहीं अस्थमा के रोगियों के लिए इसका फूल बेहद फायदेमंद है. इसके फूलों का सूखाकर नियमित सेवन किया जाए तो अस्थमा के साथ फेफड़ों से जुड़ी परेशानी भी दूर हो सकती है. वहीं बवासीर के मरीजों के लिए भी आक का पत्ता काफी फायदेमंद है. आक की कुछ पत्तियों और डंठलों को पानी में भिंगोकर कुछ देर बाद इस पानी को पिएं. इससे बवासीर की समस्या से मुक्ति मिल सकती है. वहीं आक की जड़ों को जलाकर इसके राख को सरसों तेल में मिलाकर खुजली वाले स्थान पर लगाने से खुजली की समस्या खत्म हो जाती है. 

नोट- इस लेख में बताई गई बातें सामान्य जानकारी के आधार पर तैयार की गई है. हम इसको लेकर किसी तरह का दावा नहीं करते हैं. ऐसे मे इसके उपयोग से पहले डॉक्टर से सुझाव अवश्य लें. 

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