Kaimur News: उत्पाद विभाग के कार्यपालक ने नीलामी से पहले अपने नाम करा रखी 17 गाड़ियां, अधीक्षक को दी धमकी
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Kaimur News: उत्पाद विभाग के कार्यपालक ने नीलामी से पहले अपने नाम करा रखी 17 गाड़ियां, अधीक्षक को दी धमकी

Kaimur News: बिहार में शराबबंदी लागू है. जिसके दौरान शराब की खेप के साथ-साथ वाहन भी पकड़े जा रहे हैं. बिहार सरकार के निर्देशानुसार इन जब्त वाहनों की नीलामी की जाती थी. जिससे सरकार को राजस्व आए. लेकिन उत्पाद विभाग के कार्यालय में तैनात कार्यपालक ने लग्जरी गाड़ियों का गुड़ा गणित कर नीलामी में जाने से पहले कम मूल्य में अपने नाम पर और परिवार वालों के नाम कुल 17 गाड़ियां ले चुका है. 

उत्पाद विभाग के कार्यपालक ने नीलामी से पहले अपने नाम करा रखी 17 गाड़ियां

कैमूरः Kaimur News: बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद लगातार शराब की खेप पकड़ी जा रही है. उसके साथ वाहन भी पकड़े जा रहे हैं. बिहार सरकार के निर्देशानुसार इन जब्त वाहनों की नीलामी की जाती थी. जिससे की नीलामी में आम लोग भाग लेकर जब्त वाहन नीलामी की मूल्य पर जब्त गाड़ियों को खरीदे और सरकार को राजस्व आए. लेकिन उत्पाद विभाग के कार्यालय में तैनात कार्यपालक सहायक पिंटू कुमार महंगी और लग्जरी गाड़ियों का गुड़ा गणित कर उन गाड़ियों को नीलामी में जाने से पहले कम मूल्य में अपने नाम पर और परिवार वालों के नाम कुल 17 गाड़ियां ले चुका है. जब यह जानकारी उत्पाद अधीक्षक को लगी तो उन्हें भी देख लेने और कुर्सी से हटाने की धमकी दे डाली. 

समझा जा सकता है कि उत्पाद विभाग के कार्यपालक सहायक (Executive Assistant of Product Department) जब इस कदर देख लेने और अपने विभाग से गलत तरीके से लाभ ले सकता है तो शराब तस्करों से भी मिलकर अच्छी खासी मोटी रकम कमाई होगी. इसकी भी जांच गहनता से जरूरी है. वहीं उत्पाद अधीक्षक ने पूरे मामले को लेकर जांच कर कार्रवाई हेतु वरीय पदाधिकारी को पत्र लिखकर अवगत कराया है. पिंटू कुमार 10 सालों से उत्पाद विभाग के कार्यालय में पदस्थापित है.

कैमूर उत्पाद अधीक्षक ने बताया कि उत्पाद विभाग के कार्यालय में पिंटू कुमार नाम के एक कार्यपालक सहायक है. जिसके ऊपर शराब जब्ती के दौरान जब्त वाहनों की नीलामी की कुल 17 गाड़ियां उनके और अपने परिवार वालों के नाम पर ली गई है. जो कि कार्यालय कर्मी रहते हुए इस तरह का करना गलत है. जब इसको लेकर उनसे पूछा गया तो इन्होंने धमकी दी है. जिसको देखते हुए वरीय पदाधिकारी को पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत कराया गया है और जांच करने के लिए कहा गया है. जांच के बाद ही साफ होगा कि क्या उनके ऊपर कार्रवाई हो सकती है.
इनपुट- मुकुल जायसवाल, कैमूर 

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