Bihar Politics: संयोजक पद को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि लालू जी को ही बना दीजिए. अब कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ने दो कदम पीछे हटकर लालू यादव को तगड़ी किक मारी है. इसका जवाब न तो कांग्रेस के पास है, ना ही लालू यादव के पास.
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Lok Sabha Election 2024: विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. में की संरचना में शनिवार (13 जनवरी) को बड़ा परिवर्तन हो चुका है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को गठबंधन का अध्यक्ष चुना गया. वर्चुअल बैठक में कांग्रेस ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संयोजक बनाने का प्रस्ताव रखा था. जिसे नीतीश कुमार ने ठुकरा दिया. उन्होंने साफ कहा कि उन्हें किसी पद की लालशा नहीं है. नीतीश के इस फैसले के बाद सवाल यह है कि आखिर नीतीश कुमार ने संयोजक बनने से क्यों मना कर दिया? सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार को संयोजक बनाने के लिए बैठक में तनातनी देखने को मिली.
एक बार फिर से ममता बनर्जी ने नीतीश के नाम पर अडंगा लगाने का काम किया. वर्चुअल मीटिंग में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बताया कि ममता बनर्जी नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन का संयोजक बनाने के पक्ष में नहीं हैं. जिस पर वाम दलों ने कहा कि ममता राजी हो या ना हो, नीतीश कुमार को ही गठबंधन का संयोजक बनना चाहिए. पश्चिम बंगाल के दो बड़े दलों के बीच गहमा-गहमी बढ़ती देख नीतीश कुमार ने खुद ही अपना नाम पीछे कर दिया और राजद अध्यक्ष लालू यादव का नाम आगे बढ़ा दिया.
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें किसी भी पद की इच्छा नहीं है, वह चाहते हैं कि जल्द से जल्द इंडिया गठबंधन के घटक दल सीट शेयरिंग को लेकर फैसला लें, क्योंकि लोकसभा चुनाव में अब बेहद ही कम समय बचा है. वहीं संयोजक पद को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि लालू जी को ही बना दीजिए. अब कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ने दो कदम पीछे हटकर लालू यादव को तगड़ी किक मारी है. इसका जवाब न तो कांग्रेस के पास है, ना ही लालू यादव के पास.
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राजनीतिक पंडितों का कहना है कि नीतीश कुमार ने अपने लिए एनडीए की खिड़की खोल रखी है. अगर वह इंडी गठबंधन के संयोजक बन जाते तो वह बंद हो जाती. वहीं इंडी अलायंस में अध्यक्ष पद पर खड़गे के रहते नीतीश कुमार की भूमिका सिर्फ नंबर-2 की होती. जबकि नीतीश कुमार को हमेशा कप्तान बनना पसंद है. यही वजह है कि बिहार में सरकार चाहे महागठबंधन की हो या एनडीए की, मुख्यमंत्री हमेशा नीतीश कुमार ही बनते हैं. वहीं नीतीश ने लालू यादव के नाम को आगे बढ़ाकर संदेश दे दिया कि अगर महागठबंधन में राजद उन्हें परेशान करेगी, तो वह कभी भी साथ छोड़ देंगे. मतलब नीतीश ने पीएम की कुर्सी मिलने तक सीएम वाली गद्दी सेफ रखी है. इसके अलावा अगर भविष्य में इंडिया गठबंधन का बुरा हश्र होता है तो ठिकरा उनके सिर नहीं फोड़ा जाएगा.