Lok Sabha Election 2024: अबतक 10, चुनाव ऐलान होने के बाद से राजद में इस्तीफे की लगी झड़ी
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Lok Sabha Election 2024: अबतक 10, चुनाव ऐलान होने के बाद से राजद में इस्तीफे की लगी झड़ी

Bihar Lok Sabha Election 2024: सियासी जानकारों का कहना है कि एनडीए के विजय रथ को रोकने के लिए राजद अध्यक्ष लालू यादव ने इस बार बिल्कुल अलग रणनीति अपनाई है. लालू ने जिस MY समीकरण की दम पर 15 वर्षों तक बिहार में शासन किया था, उसे ही इस बार टिकट वितरण में नजरअंदाज कर दिया है. 

लालू यादव

Bihar Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के पहले चरण में अब 24 घंटे से भी कम का वक्त बचा है. चुनाव जितना नजदीक आ रहा है, दल-बदल का खेल उतना ही तेज होता जा रहा है. पहले चरण के मतदान से ठीक पहले राजद अध्यक्ष लालू यादव को तगड़ा झटका लगा है. बीते दो दिन में राजद के दो दिग्गज नेता लालू यादव का साथ छोड़ चुके हैं. वहीं लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से अबतक ये आंकड़ा 10 के करीब पहुंच चुका है. राजद छोड़ने वाले नेताओं में वृषिन पटेल, बूलो मंडल, देवेंद्र प्रसाद यादव, अशफाक करीम, सरफराज आलम, हिना शहाब और विनोद यादव बड़े नाम हैं. वहीं राजद के लिए राहत की बात यह है कि पार्टी छोड़ने वाले नेताओं के बीच ऐसे चेहरों की कमी भी नहीं जो पार्टी में या तो वापसी कर रहे हैं या फिर नए सिरे से अपनी पारी की शुरुआत कर रहे हैं. बीमा भारती, दीपक यादव, अभय कुशवाहा और श्रवण कुशवाहा जैसे नेताओं को राजद में आते ही टिकट भी मिल गया. 

सियासी जानकारों का कहना है कि एनडीए के विजय रथ को रोकने के लिए राजद अध्यक्ष लालू यादव ने इस बार बिल्कुल अलग रणनीति अपनाई है. लालू ने जिस MY समीकरण की दम पर 15 वर्षों तक बिहार में शासन किया था, उसे ही इस बार टिकट वितरण में नजरअंदाज कर दिया है. इससे पार्टी में भगदड़ देखने को मिल रही है. वर्तमान में पार्टी के वरिष्ठ नेता एम-वाई के सीटों में कटौती को लेकर सवाल उठा रहे हैं. ऐसे नेताओं के तर्क हैं कि पार्टी की बदलती नीतियों की वजह से आधार वोट खिसक सकता है. इसी आरोप को आधार बना कई नेता पार्टी को अलविदा भी कह चुके हैं.

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राजद छोड़ने वाले ज्यादातर नेताओं ने पार्टी पर सामाजिक न्याय को ताकत देने वाली राजनीति से भटक जाने का आरोप लगाया है. पार्टी छोड़ने वाले मुस्लिम नेताओं का कहना है कि जब जाति सर्वेक्षण के नतीजे सामने आए तो लालू यादव ने 'जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी' की बात कही थी. लेकिन आज मुस्लिम समाज को प्रतिनिधित्व देने पर राजद ने बहुत बड़ा धोखा किया है. हालांकि, कुछ वरिष्ठ नेताओं ने यदि पार्टी को अलविदा कहा है तो राजद में नए नेताओं की आमद भी हुई है. राजद के 23 उम्मीदवारों में 6-7 नेता ऐसे हैं जो दूसरे दलों से राजद में आए हैं. 

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