Paper Leak Case: तेजस्वी ने आगे कहा कि अब नीतीश-भाजपा सरकार ने 17 साल के पुराने कारनामों को दोहराते हुए नकल माफिया को प्रोत्साहित किया है, जिससे बीपीएससी शिक्षक भर्ती के परीक्षा में गंभीर अनियमितताएं हो रही हैं. पेपर लीक कराने वालों को बचाने के लिए उनके वरिष्ठ मंत्री प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं.
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पटना: बिहार के बीपीएससी टीचर एग्जाम में पेपर लीक की खबर के बाद बिहार की सियासत में तेज़ी आ गई है. इस मामले पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को निशाना बनाया. तेजस्वी यादव ने अपने एक्स पर लिखा है कि 17 महीने हमारी सरकार रही और हमने अपने कार्यकाल में पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से युवाओं को 4 लाख से अधिक नौकरियां देने का काम किया है.
हमारे 17 महीनों का सुनहरा कार्यकाल जिसमें पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से युवाओं को 4 लाख से अधिक नौकरियां दी गयी, वह बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं का स्वर्णिम काल था।
अब नीतीश-भाजपा सरकार ने डेढ़ महीने में ही 17 साल के पुराने कारनामों को दोहराते हुए नक़ल माफिया को इतना… pic.twitter.com/2e1R0fYyZj
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 17, 2024
तेजस्वी ने माफिया को प्रोत्साहित करने का लगाया आरोप
तेजस्वी ने आगे कहा कि अब नीतीश-भाजपा सरकार ने 17 साल के पुराने कारनामों को दोहराते हुए नकल माफिया को प्रोत्साहित किया है, जिससे बीपीएससी शिक्षक भर्ती के परीक्षा में गंभीर अनियमितताएं हो रही हैं. पेपर लीक कराने वालों को बचाने के लिए उनके वरिष्ठ मंत्री प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं. पुलिस को फोन कर रहे मंत्रियों का नाम भी खुला है. बताया जा रहा है कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) टीआरई-3 पेपर लीक मामले में संदिग्ध लोगों को पकड़ा है और उन्हें शनिवार रात को पटना सिविल कोर्ट में पेश किया गया है. इसके बाद सभी को जेल भेज दिया गया है. साथ ही कहा कि इस घटना को लेकर न्यायिक कार्यवाही भी तेजी से की जानी चाहिए ताकि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिल सके और ऐसी घटनाएं फिर से न हों. लोगों को यह भरोसा दिलाना जरूरी है कि सरकार सभी परीक्षाओं को निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ आयोजित कर रही है.
क्या है पूरा मामला
बिहार में तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने की आशंका बनी हुई है. इस परीक्षा में बिहार आने वाले करीब 250 से 300 परीक्षार्थियों को हजारीबाग में हिरासत में लिया गया था. बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने इस मामले में कार्रवाई की है. अगर पेपर लीक होने की सच्चाई साबित होती है तो शिक्षक भर्ती परीक्षा को रद्द भी किया जा सकता है. इस परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या भी अधिक है. यह परीक्षा हजारीबाग के दो होटलों में रुकवाई गई थी, जहां परीक्षार्थियों को प्रश्न पत्र और उत्तर रटवाए गए थे. इसके बाद अभ्यर्थियों को पिछले दो दिनों से पढ़ाया जा रहा था. ये अभ्यर्थी बिहार के विभिन्न जिलों से हजारीबाग पहुंचे थे.
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