Lok Sabh Election 2024: नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को मंगलवार को उस समय बड़ा झटका लगा, जब उनकी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी ने पार्टी के सभी सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. 4 बार सांसद रह चुके अली अशरफ फातमी ने अपने इस्तीफे में लिखा, मैं नैतिक मूल्यों की रक्षा के लिए जनता दल यूनाइटेड के सभी पदों सहित प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं.
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Lok Sabh Election 2024: जदयू के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद अली अशरफ फातमी ने 19 मार्च, 2024 दिन मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया, जिससे अटकलें तेज हो गईं कि पूर्व केंद्रीय मंत्री राजद में वापसी पर कर सकते हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संबोधित हाथ से लिखे पत्र में फातमी ने कहा कि वह अपने नैतिक मूल्यों की रक्षा के लिए पार्टी पद के साथ-साथ प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ रहे हैं. राज्य के सियासी हलकों में चर्चा है कि वह राजद में शामिल होकर मधुबनी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. बताया जा रहा है कि पूर्व विधायक फराज फातमी भी अली अशरफ फातमी के साथ राजद में लौटेंगे. कहा जा रहा है कि अली अशरफ फातमी मधुबनी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. राजद आलाकमान से पूरी डील हो चुकी है. माना जा रहा है कि अगले दो से तीन दिनों में फातमी पटना में सैकड़ों समर्थकों के साथ राजद की सदस्यता ले सकते हैं. यह भी दावा किया जा रहा है कि अली अशरफ फातमी के साथ बिहार के कई नेता राजद में शामिल हो सकते हैं.
दरअसल, नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को मंगलवार को उस समय बड़ा झटका लगा, जब उनकी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी ने पार्टी के सभी सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. 4 बार सांसद रह चुके अली अशरफ फातमी ने अपने इस्तीफे में लिखा, मैं नैतिक मूल्यों की रक्षा के लिए जनता दल यूनाइटेड के सभी पदों सहित प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं. कृपया स्वीकृति प्रदान की जाए. चर्चा इस बात की है कि अली अशरफ फातमी राजद में शामिल हो सकते हैं.
इससे पहले भी वह राजद में ही थे, लेकिन लालू परिवार पर एक टिप्पणी के कारण उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद वे 24 घंटे के लिए बसपा में रहे और उसके बाद जेडीयू का दामन थाम लिया था. अब बताया जा रहा है कि मिथिलांचल की मधुबनी सीट से वह राजद के उम्मीदवार हो सकते हैं.
साल 2019 में राजद से जब फातमी को निकाला गया था, तब उन्होंने तेजस्वी यादव को निशाने पर लेते हुए कहा था, बिना कारण बताओ नोटिस जारी किए मुझे 6 साल के लिए पार्टी से निकाला गया था, लेकिन तेजप्रताप यादव रोज पार्टी के खिलाफ बोलते हैं, उन पर पार्टी ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की.
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फातमी ने यह भी कहा था, जितनी तेजस्वी यादव की उम्र है, उससे अधिक समय से मैं राजनीति में हूं. जहां तक राजद में मेरी वापसी की बात है तो लालू प्रसाद यादव ने मुझे खुद पार्टी से जोड़ा था न कि मैं पार्टी या लालू के पास गया था.