Bihar Flood: 2 दिन सत्तू नमक पी कर दिन काट लिए सरकार, अब तो कर दो रूखा सूखा भोजन का जुगाड़, बाढ़ से पीड़ितों का छलका दर्द
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Bihar Flood: 2 दिन सत्तू नमक पी कर दिन काट लिए सरकार, अब तो कर दो रूखा सूखा भोजन का जुगाड़, बाढ़ से पीड़ितों का छलका दर्द

Bihar Flood: बिहार में बाढ़ अपना कहर बरपा रही है. मुंगेर में बाढ़ से पीड़ित लोगों की परेशानी बढ़ गई है. मीडिया से बात करते हुए पीड़ितों का दर्द छलका. उन्होंने कहा कि 2 दिन सत्तू नमक पी कर दिन काट लिए सरकार, अब तो कर दो रूखा सूखा भोजन का जुगाड़. 

Bihar Flood: 2 दिन सत्तू नमक पी कर दिन काट लिए सरकार, अब तो कर दो रूखा सूखा भोजन का जुगाड़, बाढ़ से पीड़ितों का छलका दर्द

मुंगेर: Bihar Flood: बिहार के मुंगेर में बाढ़ का दंश झेल रहे लोग अब जिला प्रशासन द्वारा संचालित सरकारी शिविर में आने लगे हैं. जिला प्रशासन का दावा है कि बाढ़ पीड़ितों के लिए जिला प्रशासन ने मुकम्मल व्यवस्था की है. लेकिन शिविर में मीडिया के पहुंचते ही प्रशासन के दावों की हकीकत खोखली साबित होती नजर आई. लोगों को आते देख बाढ़ पीड़ित उत्साहित होकर दौरे-दौरे ये सोच कर आते हैं, कोई आया है तो कुछ खाने का सामान हम लोगों के लिए लेकर आया होगा.

वहीं जब मीडिया की टीम सदर प्रखंड के नवागढ़ हाई स्कूल शिविर पहुंची, जहां पचास से अधिक तारापुर दियारा पंचायत के मनियारचक गांव के बाढ़ पीड़ितों का हाल जाना. वहीं शिविर का निरीक्षण करने पहुंची सदर की बीपीआरओ एकता कुमारी मीडिया के कैमरे को देखते ही भड़क गई और प्रशासन की कुव्यवस्था ना दिखे इसके लिए फोटो वीडियो बनाने से मना करने लगी. 

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वहीं जब उनसे सवाल पूछा गया तो वो वहां से निकल गई. बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि कुछ लोग गुरुवार को तो कुछ शुक्रवार को शिविर में आए हैं. यहां आने के बाद सिर्फ सुखी जगह रहने को तो मिल गई, लेकिन ना तो पॉलिथीन मिला है और ना ही कुछ खाने की व्यवस्था. दो दिनों से बच्चे और खुद को सत्तू और नमक पिलाकर रख रखा है और यहां रह रहे हैं. लेकिन अब बच्चे भी बिना अन्न से व्याकुल हो रहे हैं. 

जिला प्रशासन ने शिविर में बैठने तक की व्यवस्था नहीं की है. बच्चे लोगों को स्कूल बेंच पर सुला रहे हैं. जहां मच्छर परेशान कर रहे है. बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि गांव में नाक तक पानी में निकल कर जान बचाने सरकारी शिविर में आए, लेकिन  यहां की व्यवस्था तो और जान लेने पर तुली है.

वहीं महिलाओं ने बताया कि हम लोग यहां पहुंचे हैं, लेकिन किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है. हम लोग चूल्हा भी लेकर आए हैं, लेकिन अनाज नहीं रहने की वजह से बच्चों को कुछ बना कर नहीं खिला पा रहे हैं, बच्चे भी सत्तू पी पीकर परेशान हो गए है. सरकार कम से कम तत्काल रूखा सूखा भोजन का भी व्यवस्था कर देती तो दिन कट जाता.

आपको बताते चलें कि मुंगेर के छह प्रखंड के दर्जनों पंचायत बाढ़ की विभीषिका झेल रहा है. वहीं जिला प्रशासन का दावा हवा हवाई नजर आ रहा है. बाढ़ पीड़ितों को आस है कि मीडिया हमारी विपदा को सरकार और प्रशासन को दिखाएगी, तभी हम लोगों को कुछ सहायता मिल पाएगी.
इनपुट- प्रशांत कुमार 

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