Flood In Bihar: बिहार में हो रही झमाझम बारिश से कई नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है. इसके साथ ही कई नदियां खतरे के निशान के ऊपर उफान पर बह रही है. भागलपुर में कोसी नदी खतरे के निशान से 71 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है.
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Bihar Flood: बिहार में लगातार हो रही बारिश के चलते कई नदियां उफान पर है तो कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. भागलपुर की कोसी नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है. गोपालगंज की डुमरिया घाट पर गंडक नदी, मुंगेर और बेगूसराय में गंगा, मुजफ्फरपुर में बागमती में तेजी से पानी बढ़ रहा है और लाल निशान को पार कर सकती है.
भागलपुर में कोसी नदी का रौद्र रूप
भागलपुर में कोसी नदी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. कोसी नदी के किनारे बसे गांव में बाढ़ आ चुकी है. कोसी नदी यहां खतरे के निशान से 71 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. यहां जलस्तर 30.71 है. इलाके में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. नवगछिया अनुमंडल के मदरौनी, सधुवा चापर, सहोरा पंचायत के गांव में पानी प्रवेश कर चुका है. मदरौनी में मुख्य सड़क पर पांच फिट पानी बह रहा है. लोगों के लिए आवागमन का जरिया नाव ही बन कर रह गया है.
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करीब 300 घरों में पानी प्रवेश कर गया पानी
मदरौनी के करीब 300 घरों में पानी प्रवेश कर गया है. यहां से लोग पलायन कर रहे हैं. कई लोगों ने छत पर तंबू लगाकर आशियाना बना लिया है. मुख्य सड़क पर नाव चल रही है. आम जनजीवन के साथ-साथ पशुओं की भी परेशानी बढ़ गयी है. उन्हें चारा नहीं मिल रहा है. यहां अब पानी 2 से 3 महीने तक रहेगा, ऐसे में लोग हलकान है. यहां कोसी किनारे वर्षों से रिंग बांध बनाने की मांग की जा रही है. सरकार हर साल इस इलाके में बाढ़ और कटाव को लेकर 25 करोड़ खर्च करती है. लेकिन रिंग बांध का निर्माण नहीं हो सका है. उसके निर्माण से राजस्व का भी नुकसान नहीं होगा.
मुंगेर में गंगा प्रति घंटे आधा सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही
शनिवार की देर शाम चेतावनी स्तर 38.33 गंगा का जलस्तर पार करने के बाद जिले में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. वहीं गंगा का पानी धीरे-धीरे निचले इलाकों प्रवेश करते हुए अब घरों तक पहुंच चुका है. गंगा का जलस्तर अब डेंजर लाइन 39.33 मीटर से महज कुछ मीटर बचा हुआ है. सदर प्रखंड के गंगा पार कुतलूपुर पंचायत में कई दिनों बाढ़ के पानी घिरा हुआ है. सड़कों पर गंगा का पानी आ गया है. जिसके कारण आवागमन बंद है.
सड़कों पर आ गया गंगा का पानी
वहीं जिला प्रशासन द्वारा अभी तक इस पंचायत में एक भी सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं की गई, जिससे की ग्रामीण आवागमन कर सके. ग्रामीणों की मानें तो उनका कहना है कि खेतों में लगे हरे पशु चारा डूब गया, जिसके कारण मवेशी को चारा खिलाना मुश्किल हो गया है. ग्रामीणों की मांग अभी तक जिला प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई और ना ही कोई सरकारी संसाधन उपलब्ध कराया गया है.
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बेगूसराय में गंगा का रौद्र रूप
बेगूसराय में लगातार गंगा का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद अब बाढ़ का खतरा लोगों के बीच देखने को मिल रहा है. वहीं गंगा का पानी घर में प्रवेश करने के बाद लोग जैसे तैसे छत पर रहने को मजबूर हो रहे हैं. वही बाढ़ के पानी से लोगों के बीच दहशत का माहौल बना हुआ है. इस बाढ़ के पानी से लोग त्राहिमाम होने लगा है.
चार दिनों से गंगा के जलस्तर में हुई काफी वृद्धि
इस दौरान लोगों ने बताया है कि पिछले चार दिनों से गंगा का जलस्तर में काफी वृद्धि हुई है. गंगा का पानी आने के बाद अब बाढ़ के हालत इस गांव में उत्पन्न हो गए है. उन्होंने बताया कि किसी प्रकार की कोई व्यवस्था जिला प्रशासन के द्वारा नहीं की गई है. जिसके कारण से लोग जैसे तैसे रहने को मजबूर है. लोगों ने बताया है कि छत पर खुले आसमान में रहने को मजबूर है. उन्होंने बताया है कि अगर बारिश होने लगती है तो लोग जैसे- तैसे छत पर रहकर रात गुजारते हैं.
इनपुट- भागलपुर से अश्वनी कुमार, मुंगेर से प्रशांत कुमार, बेगूसराय से जितेंद्र कुमार