Bihar News: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में दो कमरे वाले स्कूल भवन में मध्य विद्यालय और उच्च विद्यालय चलने का मामला सामने आया है. एक कमरे तीन क्लास के बच्चों को पढ़ाया जाता है.
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मुजफ्फरपुर: बिहार सरकार राज्य में शिक्षा विभाग को हाईटेक करने में लगी हुई है. बच्चों की पढ़ाई को लेकर कई तरह के योजनाएं भी चलाई जा रही है. शिक्षा में सुधार को लेकर कई तरह के दिशा निर्देश भी दिए जा रहे हैं और शिक्षकों की बहाली की जा रही है. फिर भी मुजफ्फरपुर के स्कूलों के बुरा हाल है. दो कमरे वाले स्कूल भवन में मध्य विद्यालय और उच्च विद्यालय चल रहे हैं और 450 छात्र छात्राओं वाले स्कूल में एक कमरे में तीन क्लास और एक ब्लैक बोर्ड पर दो टीचर पढ़ाते नज़र पड़ जायेंगे. जी बिहार झारखंड की टीम के रियलिटी चेक में मुजफ्फरपुर जिले के बोचहा विधानसभा क्षेत्र के खबरा स्थित राजकीय मध्य विद्यालय खबरा और उत्क्रमित मध्य विद्यालय खबरा की पोल खुल गई है.
दोनों स्कूल एक जगह एक ही विद्यालय में चलता है और दोनों स्कूल मिलाकर कुल दो कमरे हैं. वह भी इस स्थिति में की कब गिर जाए इसका कोई पता नहीं और सैकड़ों बच्चा उसमें बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. एक तरफ जहां बिहार सरकार बच्चों को शिक्षा के माध्यम से हाईटेक करने की बात कहती है तो वहीं दूसरी तरफ बच्चे आखिर कैसे पढ़े जो बच्चे क्लास में पढ़ने के लिए बैठे तो होते हैं,लेकिन उन्हें डर इस बात का होता है कि वह जिस क्लास में बैठे हैं उसकी छत और दीवार कब गिर जाएगा. इस जर्जर भवन में पहली से लेकर 12वीं क्लास तक की पढाई होती है. जिसमें तकरीबन 450 बच्ची और बच्चे बैठ कर पढ़ाई करते हैं. स्कूल भवन की हालत ये है की एक कमरे में तीन से चार क्लास चलती है लेकिन पढ़ाई दो ही क्लास की होती है,क्योंकि एक ब्लैक बोर्ड पर दो टीचर ही पढ़ा पाते हैं.
जब एक टीचर चुप होते हैं तो दूसरे क्लास के टीचर पढ़ाने लगते हैं ऐसे में बच्चों को टीचर द्वारा पढ़ाए गए शब्द बच्चों के दिमाग से बाहर हो जाते हैं.जगह नहीं होने के कारण छोटे-छोटे बच्चे बरामदे में बैठकर पढ़ते हैं और धूप के कारण बच्चे मूर्छित भी होने लगते हैं, लेकिन शिक्षक भी मजबूर है वह क्या करें. शिक्षकों ने खुलकर कहा कि हम लोगों ने विभाग को भी सूचना दिया लेकिन विभाग के स्तर से किसी भी तरह की कोई व्यवस्था नहीं दी गई है.क्योंकि पूरे सिस्टम में ही दोष है हम क्या करें. जबकि यह स्कूल मुजफ्फरपुर पटना हाईवे के किनारे बना हुआ है और पटना में बैठने वाले मंत्री से लेकर अधिकारी तक इसी रोड से गुजरते हैं. फिर भी इनका ध्यान इस स्कूल पर नहीं जाता है.
इनपुट - मणितोष कुमार