दानापुर का युवक नवनीत गोविंदम उर्फ नक्श गुरू नानक देव और अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत से प्रेरित होकर पटना से पाकिस्तान का सफर तय करके घर लौटा है. नवनीत ने पटना से 14 जून को साइकिल यात्रा शुरू कर एक महीने में 1700 किलोमीटर का सफर साइकिल से तय किया.
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पटनाः गुरु नानक देव और अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत से प्रेरणा लेकर पटना से पाकिस्तान का सफर साइकिल से पूरा कर दानापुर के नवनीत गोविंदम उर्फ नक्श अपने घर लौटे हैं. इस साहसिक अभियान को पूरा करने की खुशी में दानापुर साईं अंगना मंदिर के द्वारा नवनीत को सम्मानित भी किया गया. बता दें कि नवनीत ने पटना से पाकिस्तान का सफर साइकिल से करीब 1700 किलोमीटर तय किया है.
नवनीत ने एक महीने में 1700 किलोमीटर का तय किया सफर
दानापुर का युवक नवनीत गोविंदम उर्फ नक्श गुरू नानक देव और अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत से प्रेरित होकर पटना से पाकिस्तान का सफर तय करके घर लौटा है. बता दें कि नवनीत ने गुरु गोविंद सिंह जी के जन्मस्थली पटना से 14 जून को साइकिल यात्रा शुरू कर एक महीने में 1700 किलोमीटर का सफर साइकिल से तय किया. गुरु नानक जी की कर्म स्थली करतारपुर साहिब पाकिस्तान में जाकर समाप्त किया. होटल मैनेजमेंट के थर्ड ईयर का छात्र नवनीत ने बताया कि अपनी यात्रा को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को समर्पित किया है. उनका मानना है कि लोग अपनी व्यस्त जीवन में सुशांत सिंह राजपूत जैसे कलाकार को भूल गए है जो डाउन टू अर्थ व्यक्ति थे और उनको साइकिलिंग पसंद थी. जिसको देखते हुए साईकिल यात्रा करने का निर्णय लिया. यात्रा का नाम बर्न फैट सेव फ्यूल दिया. इससे पहले नवनीत ने हिचहाईकिंग करते हुए 1900 किलो मीटर की दूरी तय करते हुए लद्दाख में खारदुंगला पहाड़ी पर जाकर राष्ट्रीय ध्वज भी फहरा चुके है.
दृढ संकल्प से तय किया सफर
नवनीत के पिता अरविंद कुमार गुप्ता ने बताया कि परिवार के लोग नवनीत के साईकिल से पाकिस्तान जाने की दृढ इच्छा से थोड़े सशंकित थे. वहां की स्थिति का समाचार ने परिवार के लोगों को विचलित कर दिया था. मगर बेटे के जिद के आगे झुकना पड़ा. पुरे सफर में बेटे को किसी भी चीज की तकलीफ ना हो इसके लिए मैं और उसकी मां ममता गुप्ता हमेशा से संपर्क में रहे. बेटे के सफर पूरा करने पर बेटा को मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर की.
बेटे ने बिहार का किया नाम रौशन
नवनीत की मां ममता गुप्ता ने बताया कि नवनीत ने साइकिल से पटना टू पाकिस्तान का सफर तय कर दानापुर ही नहीं पुरे बिहार का नाम रौशन किया है. इसके इस अदम्य साहस को लेकर दानापुर का साईं अंगना मंदिर उसको सम्मानित भी किया. नवनीत आगे भी इस तरह का सफर तय करना चाहता है और उसके साथ पूरा परिवार खड़ा है.