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Patna: बिहार सरकार ने सोमवार को अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के लिए 'मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजना' शुरू किए जाने को मंजूरी दी. इस आशय का निर्णय सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया. यह प्रस्ताव राज्य उद्योग विभाग द्वारा मंत्रिमंडल के समक्ष रखा गया था.
अपर मुख्य सचिव (कैबिनेट सचिवालय) एस सिद्धार्थ ने कहा, 'राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने और बेरोजगार अल्पसंख्यक महिलाओं या पुरुषों के बीच रोजगार पैदा करने के उद्देश्य से, मंत्रिमंडल ने ‘मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजना (एमएयूवाई) शुरू करने का निर्णय लिया. अल्पसंख्यक समुदाय के बेरोजगार युवाओं और महिलाओं के लिए बनाई गई नई एमएयूवाई योजना मौजूदा मुख्यमंत्री एससी/एसटी/ईबीसी उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना (एमएमयूवाई) और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के लगभग समान पैटर्न पर लागू की जाएगी."
उन्होंने कहा, 'इस योजना के तहत, बिहार सरकार एक बेरोजगार अल्पसंख्यक महिला या पुरुष को एक नया उद्योग शुरू करने के लिए 10 लाख रुपये की राशि प्रदान करेगी. 10 लाख रुपये में से पांच लाख रुपये सब्सिडी होगी जबकि शेष पांच लाख रुपये ऋण होंगे, जिसे कई किश्तों में लौटाया जाएगा.'
सिद्धार्थ ने कहा कि योजना की रूपरेखा जल्द ही संबंधित विभाग द्वारा अधिसूचित की जाएगी. मंत्रिमंडल ने बिहार के प्रमुख स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों में से एक, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस,पटना) में मुफ्त चिकित्सकीय परीक्षण और उपचार करने का भी निर्णय लिया. पंजीकरण और बिस्तर शुल्क को छोड़कर, आईजीआईएमएस में मरीजों के लिए सब कुछ मुफ्त होगा. सिद्धार्थ ने कहा कि आज कैबिनेट की मंजूरी के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा जल्द ही इस संबंध में एक विस्तृत अधिसूचना जारी की जाएगी. इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने मौजूदा 12 के अलावा, पूरे बिहार में 28 समर्पित ट्रैफिक थाना बनाने के राज्य गृह विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
(इनपुट भाषा के साथ)