धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पटना आने के ऐलान के साथ ही मिली चेतावनी...मंत्री तेजप्रताप का माथा हुआ गरम
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धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पटना आने के ऐलान के साथ ही मिली चेतावनी...मंत्री तेजप्रताप का माथा हुआ गरम

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 13 मई को पटना आ रहे हैं. उनके आगमन पर पटना में तैयारी भी शुरू हो गई है. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहते हैं.

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पटना आने के ऐलान के साथ ही मिली चेतावनी...मंत्री तेजप्रताप का माथा हुआ गरम

पटना: बागेश्वर धाम के संत पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा का विशेष बन रहते है. बृहस्पतिवार सुबह धीरेंद्र शास्त्री ने क्षत्रियों को लेकर बयान दिया था. देर शाम तक बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा कि अगर बागेश्वर बाबा हिंदू- मुस्लिम को लड़वाने के लिए बिहार आ रहे हैं तो बिलकुल भी ना आए. 

बता दें कि बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 13 मई को पटना आ रहे हैं. उनके आगमन पर पटना में तैयारी भी शुरू हो गई है. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. उनके आगमन पर मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री के बिहार आने में कोई परेशानी नहीं है. लेकन अगर वो आ रहे है तो बिहार के अंदर हिंदू और मुस्लिम बिलकुल भी ना करें. अगर ऐसा होता है तो उनका विरोध किया जाएगा. अगर आ ही रहे है तो आराम से आइए और भाईचारे का संदेश दीजिए.

मध्य प्रदेश के रहने वाले पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को भगवान हनुमान के भक्त है. साथ ही पूरे देश में वो अपने चमत्कार के लिए जाने जाते हैं. धीरेंद्र शास्त्री ने महज 12 साल की उम्र में ही पूजापाठ और भजन से जुड़ गए थे. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थ स्थल बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर तथा पुजारी हैं. बागेश्वर धाम महाराज अपने भक्तों की सभी समस्याओं को एक कागज में लिखकर उसका उपाय बताते हैं. देश भर के कोने -कोने से श्रद्धालु उनके दर्शन के लिए छतरपुर जाते हैं और अपनी समस्याओं के निवारण के लिए अर्जी लगाते हैं.

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने बयान में कहा कि ब्राह्मण और क्षत्रिय समाज के कई लोग ऐसे हो जो आपस में टकरा रहे है. बता दें कि भूमि 21 बार क्षत्रीय विहिन कर दी गई. जब एक बार ही क्षत्रियों को मार दिया गया तो सवाल उठता है कि 20 बार क्षत्रिय कहां से आए. यहां पर 21वीं बार की जरुरत क्या पड़ी.

इनपुट- भाषा

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