Ramal cyclone : मौसम विभाग के अनुसार रेमल का असर मंगलवार को भी उत्तर बिहार में देखा जा सकता है. हालांकि दक्षिण बिहार का अधिकांश हिस्सा गर्म रात की चपेट में रहेगा. पूर्वी हवा चलने से वातावरण में आर्द्रता अधिक है, जिससे लोगों को वास्तविक तापमान से 2-3 डिग्री अधिक महसूस हो रहा है.
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Ramal Storm Bihar Impact: रेमल तूफान रविवार की देर रात को 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के समुद्री तटों पर टकराया. इसका असर बिहार में भी देखने को मिला. सोमवार को बिहार के नौ जिलों के 10 शहरों में मध्यम से हल्की बारिश हुई. इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा भी चली. उत्तर बिहार, कोसी, सीमांचल और पूर्वी बिहार के ज्यादातर शहरों में बादल छाए रहे, जबकि पटना सहित अधिकतर शहरों में तापमान में गिरावट आई.
मौसम विभाग के अनुसार रेमल का असर मंगलवार को भी उत्तर बिहार में देखा जा सकता है. हालांकि दक्षिण बिहार का अधिकांश हिस्सा गर्म रात की चपेट में रहेगा. पूर्वी हवा चलने से वातावरण में आर्द्रता अधिक है, जिससे लोगों को वास्तविक तापमान से 2-3 डिग्री अधिक महसूस हो रहा है. सुपौल के वीरपुर में 8.4 मिलीमीटर, राघोपुर में 3 मिलीमीटर, नवादा के कौवाकोल में 8 मिलीमीटर, पूर्वी चंपारण के सुगौली में 6.2 मिलीमीटर, कटिहार के अमदाबाद में 4.2 मिलीमीटर, शेखपुरा में 3.5 मिलीमीटर, पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकिनगर में 0.6 मिलीमीटर, बांका में 0.5 मिलीमीटर, सीतामढ़ी के पुपरी में 0.5 मिलीमीटर और भागलपुर में 0.2 मिलीमीटर बारिश हुई.
रेमल तूफान के कारण पटना सहित 31 शहरों के अधिकतम तापमान में गिरावट आई, जबकि चार शहरों के तापमान में वृद्धि हुई. बक्सर 43.2 डिग्री सेल्सियस के साथ प्रदेश का सबसे गर्म जिला रहा, वहीं गोपालगंज 41.7 डिग्री सेल्सियस के साथ हीट-वेव की चपेट में रहा. 10 शहरों का अधिकतम तापमान 40 डिग्री से अधिक रहा. पटना का अधिकतम तापमान 38.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो 1.4 डिग्री कम था.
रेलवे ने एक जोड़ी ट्रेन का परिचालन रद्द कर दिया. जोगबनी-सिलीगुड़ी टाउन (15723/15724) ट्रेन 27 और 28 मई को रद्द रहेगी. चक्रवाती तूफान रेमल ने बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में तबाही मचाई, जिससे दोनों देशों में 16 लोगों की मौत हो गई. पश्चिम बंगाल में छह लोगों की और बांग्लादेश में दस लोगों की मौत हो गई. तूफान ने पश्चिम बंगाल और उसके तटीय इलाकों में संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया, जहां हवाएं 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली थीं. कृषि वैज्ञानिक पीके द्विवेदी के अनुसार बारिश के कारण आम की मिठास बढ़ जाती है और वह जल्दी पकता है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. हालांकि तेज हवा से कुछ आम गिर सकते हैं, जिससे किसानों को हल्का नुकसान हो सकता है.
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