आप भी बांधते हैं हाथ में कलावा तो पहले जांच लें अपनी राशि, कहीं शनिदेव ना हो जाएं नाराज!
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1733752

आप भी बांधते हैं हाथ में कलावा तो पहले जांच लें अपनी राशि, कहीं शनिदेव ना हो जाएं नाराज!

सनातन धर्म को कोई भी पूजा-पाठ, यज्ञ, हवन कुछ भी हो इसमें कलावे का उपयोग किया जाता है. पूजा में इसे हर किसी के हाथ पर बांधने का नियम है. आपको बता दें कि कच्चे धागे या रेशम से बने इस रंग बिरंगे कलावे को हर सनातनी हाथ में धारण करता है.

(फाइल फोटो)

Rules for Tie Kalawa: सनातन धर्म को कोई भी पूजा-पाठ, यज्ञ, हवन कुछ भी हो इसमें कलावे का उपयोग किया जाता है. पूजा में इसे हर किसी के हाथ पर बांधने का नियम है. आपको बता दें कि कच्चे धागे या रेशम से बने इस रंग बिरंगे कलावे को हर सनातनी हाथ में धारण करता है. यहां तक की भगवान की प्रतिमा और तस्वीरों के साथ जिन वृक्षों की हम पूजा करते हैं उसपर भी कलावा बांधा जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि हाथ में कलावा बांधने से पहले हमें कुछ नियमों का खास ख्याल रखना चाहिए. 

ऐसे में आपको बता दें कि हिंदू धर्म में कलावा बांधने और इसे उतारने के अलग-अलग नियम हैं. इसे यूं ही हाथ से खोलकर फेंक देना और यूं हीं बांध लेना दोनों आपकी परेशानी बढ़ा सकता है. हमारे ज्योतिष शास्त्र में भी दो ऐसी राशियां हैं जिनके जातकों को हाथ में कलावा बांधने से पहले खूब सोच विचार कर लेना चाहिए.

ये भी पढ़ें- 'गोरी तोरी चुनरी बा लाल-लाल' गाने वाले विशाल दुबे 22 साल बाद क्यों चर्चा में? इनके बारे में जानते हैं आप

हमारे शास्त्रों की मानें तो हाथ में कलावा बांधन से जीवन में आने वाले संकट चल जाते हैं. ऐसे में कलावा हाथ में जब भी बांधे इसे विषम संख्या में हाथों में लपेटें. जैसे तीन या पांच राउंड. वहीं मंगलवार और शनिवार को ही कलावा उतारना शुभ माना गया है. वहीं आपको बता दें कि महिलाओं को हमेशा दाएं हाथ में हीं बंधवाना चाहिए लेकिन अगर वह शादीशुदा है तो फिर उनको बाएं हाथ में कलावा बंधवाना चाहिए. जबकि पुरुष शादीशुदा हों या कुंवारे कलावा हमेशा दाएं हाथ में बंधवाना चाहिए. 

अब आपको बता दें कि कलावा रक्षासूत्र के नाम से भी जाना जाता है.  इसके तीन रंग त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश के पर्तीक माने गए हैं. वहीं आपको बता दें कि 12 में से 2 राशियां ऐसी हैं जिन्होंने अगर कलावा हाथ पर बांधा तो शनिदेव के गु्स्से का उनको सामना करना पड़ सकता है. कुंभर और मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं ऐसे में इन दोनों राशि के जातकों को कलावा नहीं बांधना चाहिए.मान्यता है कि शनिदेव को लाल रंग पसंद नहीं है ऐसे में इन दोनों राशि के जातकों से वह नाराज हो सकते हैं. लाल रंग मंगल का प्रतिनिधित्व करता है और मंगल और शनि एक दूसरे के शत्रु माने गए हैं. ऐसे में दोनों की युति हो जाए तो षडाष्टक या द्वंद योग बनता है जो जीवन में परेशानी ला सकता है. 

Trending news