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Ranchi: झारखंड उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ धन शोधन और लाभ के पद की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उनके वकील पर बृहस्पतिवार को नाराजगी जतायी. मुख्य न्यायाधीश रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की पीठ ने इस बात पर हैरानी जतायी कि सोरेन के वकील अमृतांश वत्स के पास वकालतनामा नहीं है जबकि मामले की सुनवाई चल रही है.
दिल्ली की वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने सोरेन की ओर से पेश होते हुए और समय देने का अनुरोध किया तथा कहा कि उन्हें मामले में दायर की गयी सभी याचिकाएं नहीं मिली हैं. अदालत ने कहा कि सोरेन की ओर से पहले पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने याचिकाएं न मिलने का मुद्दा पहले कभी नहीं उठाया.
वकील वत्स सोरेन के स्थानीय वकील हैं और वह याचिकाएं लेने के लिए जिम्मेदार हैं. आगे सुनवाई में यह पता चला कि वत्स सोरेन द्वारा उचित वकालतनामा दिए बिना मामले में पहले भी पेश हुए थे.
बता दें कि जनहित याचिकाओं में हेमंत सोरेन के करीबी लोगों द्वारा कथित तौर पर धनशोधन के लिए संचालित मुखौटा कंपनियों और उनके नाम पर खनन पट्टा जारी करने को लेकर सुनवाई हो रही है. इन जनहित याचिकाओं में हेमंत सोरेन के करीबी लोगों द्वारा कथित तौर पर धनशोधन के लिए संचालित मुखौटा कंपनियों और उनके नाम पर खनन पट्टा जारी करने की जांच की मांग की गई है.
(इनपुट: भाषा)