बिहार सरकार की नई पहल, सड़क हादसे में घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को मिलेगा 5 हजार का इनाम
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बिहार सरकार की नई पहल, सड़क हादसे में घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को मिलेगा 5 हजार का इनाम

2014 से 2020 तक सड़क दुर्घटना में 42 हजार मौतें हुईं हैं. इनमें कई ऐसे लोग शामिल हैं जिन्हें अगर समय रहते अस्पताल पहुंचा दिया जाता तो आज वे जिंदा होते.

बिहार सरकार की नई पहल. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Patna: बिहार सरकार ने सड़क दुर्घटना में घायल पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने वाले लोगों के लिए 5 हजार रुपए इनाम की घोषणा की है. सरकार ने यह तय किया है कि अगर कोई व्यक्ति दुर्घटना में घायल होने वाले पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाएगा तो उसे 5 हजार रुपए पुरस्कार के तौर पर दिए जाएंगे. 

यह पहल बिहार सरकार की ओर से इसलिए की जा रही है ताकि सड़क दुर्घटना में मौत कम हो. आंकड़ों के अनुसार, 2014 से 2020 तक सड़क दुर्घटना में 42 हजार मौतें हुईं हैं. इनमें कई ऐसे लोग शामिल हैं जिन्हें अगर समय रहते अस्पताल पहुंचा दिया जाता तो आज वे जिंदा होते. जबकि इस अवधि में 45 हजार लोग घायल हुए. इसी के मद्देनजर बिहार सरकार के परिवहन विभाग ने ये प्रस्ताव तैयार किया है.

सामान्य तौर पर देखा जाता है कि सड़क दुर्घटना में घायल पीड़ित को अगर कोई व्यक्ति अस्पताल पहुंचाता है तो उससे घंटों तक सवाल जवाब किए जाते हैं, पुलिस उस व्यक्ति को गवाह बना लेती है जिससे मदद करने वाले को बेवजह कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ते हैं. इसे देखते हुए बिहार सरकार के नए निर्देशों के अनुसार, सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करने वालों को पुलिस जबरन गवाह नहीं बना सकेगी. घायल व्यक्ति की मदद करने वाले से पुलिस पदाधिकारी उसका नाम, पहचान व पता देने के लिए भी दबाव नहीं बना पाएंगे.

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हालांकि, अगर मदद करने वाला व्यक्ति पुलिस थाने में स्वेच्छा से जाना चाहता है तो उससे बिना किसी अनुचित विलंब के एक ही बार में पूछताछ की जाएगी.

सरकार सड़क दुर्घटना में मौत व घायलों की संख्या कम करना चाहती है. इसके लिए यह व्यवस्था की जा रही है कि  किसी भी परिस्थिति में जख्मी को निकटवर्ती सरकारी या निजी अस्पताल में लेकर आने वाले व्यक्ति से किसी तरह के रजिस्ट्रेशन शुल्क या अन्य संबंधित पैसे की मांग नहीं की जाएगी. मांग तभी की जा सकती है जब जख्मी को लाने वाला व्यक्ति उसका संबंधी हो. सरकार ने कहा है कि जख्मी का इलाज करना अस्पताल की सर्वोच्च प्राथमिकता है, क्योंकि इलाज में विलंब से जान जा सकती है.

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