111 साल का हो गया बिहार पर CM नीतीश कुमार के इलाके में हाई स्कूल जाने को 7 KM पैदल चलते हैं बच्चे
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111 साल का हो गया बिहार पर CM नीतीश कुमार के इलाके में हाई स्कूल जाने को 7 KM पैदल चलते हैं बच्चे

Bihar News: एक ओर पूरे सूबे में बिहार दिवस की धूम देखी जा रही है. बिहार दिवस के मौके पर सरकार पूरे राज्य में शिक्षा की अलख जगाने की बात कह रही है. वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र नालंदा के बेलछी गांव में ग्रामीण और छात्र छात्राओं ने उच्च विद्यालय मांग की है.

111 साल का हो गया बिहार पर CM नीतीश कुमार के इलाके में हाई स्कूल जाने को 7 KM पैदल चलते हैं बच्चे

नालंदा:Bihar News: एक ओर पूरे सूबे में बिहार दिवस की धूम देखी जा रही है. बिहार दिवस के मौके पर सरकार पूरे राज्य में शिक्षा की अलख जगाने की बात कह रही है. वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र नालंदा के बेलछी गांव में ग्रामीण और छात्र छात्राओं ने उच्च विद्यालय मांग की है. बेलछी गांव हरनौत प्रखंड और चंडी प्रखंड के बीच में स्थित है. जहां सर गणेश दत्त मध्य विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को आठवीं कक्षा में पास आउट होने के बाद उच्च विद्यालय में पढ़ने के लिए 7 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. यानी कि बच्चों को स्कूल जाने और आने के दौरान 14 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है.

नीतीश कुमार को कराया अवगत

विद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा काजल कुमारी ने बताया कि इस स्कूल से हर साल 100 से डेढ़ सौ छात्र-छात्राएं के पास आउट हो जाने के बाद उच्च विद्यालय में पढ़ने को लेकर संशय की स्थिति बनी रहती है. क्योंकि बेलछी गांव से हरनौत और चंडी प्रखंड की दूरी 7 किलोमीटर है. वहीं स्थानीय ग्रामीण मनोज कुमार बबलू ने कहा कि इसके पूर्व में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को समाधान यात्रा के दौरान बेलछी गांव में उच्च विद्यालय नहीं होने की समस्या को लेकर अवगत कराया गया था लेकिन यह समस्या सिर्फ कागजों में ही सिमट के रह गई.

उच्च विद्यालय को लेकर हो रही मांग

अभी तक बेलछी गांव में उच्च विद्यालय की मांग को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की गई है. जिसके कारण हर साल सैकड़ो छात्र छात्राये उच्च विद्यालय में पढ़ने से बंचित रह जाते है. दूरी होने के कारण छात्र-छात्राएं उच्च विद्यालय जाने में भी कतराते हैं. जिसके कारण ग्रामीण भी इस इलाके में उच्च विद्यालय की मांग को लेकर लगातार सरकार से गुहार लगा रहे हैं. अब देखना यह है कि बिहार के मुखिया नीतीश कुमार छात्र-छात्राओं और ग्रामीणों की फरियाद पर कब तक ध्यान देते हैं.

इनपुट- ऋषिकेश

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