बिहार में मुखिया-सरपंच ही होंगे परामर्शी समिति के अध्यक्ष, पहले की तरह मिलेगा वेतन: सम्राट चौधरी
Advertisement

बिहार में मुखिया-सरपंच ही होंगे परामर्शी समिति के अध्यक्ष, पहले की तरह मिलेगा वेतन: सम्राट चौधरी

Bihar Samachar: पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने मंगलवार को बताया कि कोरोना काल में पंचायत चुनाव नहीं होने के कारण समय की अवधि पूरी होने के बाद त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाएं और ग्राम कचहरी 15 जून के बाद भंग हो जाएगी.

बिहार में मुखिया-सरपंच ही होंगे परामर्शी समिति के अध्यक्ष: सम्राट चौधरी (फाइल फोटो)

Patna: बिहार में वर्ष 2016 में गठित त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाएं और ग्राम कचहरी 15 जून के बाद भंग हो जाएगी. इसके बाद भी पंचायत और ग्राम कचहरी के निर्वाचित प्रतिनिधि पूर्व की तरह काम करेंगे, पर इनका पदनाम बदल जाएगा. 16 जून से ये सभी प्रतिनिधि बतौर परामर्शी समिति अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य के रूप में काम करेंगे.

पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने मंगलवार को बताया कि कोरोना काल में पंचायत चुनाव नहीं होने के कारण समय की अवधि पूरी होने के बाद त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाएं और ग्राम कचहरी 15 जून के बाद भंग हो जाएगी.

उन्होंने कहा कि इसके बाद पंचायत और ग्राम कचहरी के निर्वाचित प्रतिनिधि पूर्व की तरह काम करेंगे, पर इनका पदनाम बदल जाएगा. उन्होंने कहा कि 16 जून से ये सभी प्रतिनिधि बतौर परामर्शी समिति अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य के रूप में काम करेंगे. इसको लेकर पंचायती राज विभाग ने परामर्शी समिति के गठन का प्रस्ताव तैयार कर लिया है.

ये भी पढ़ें- दलित उत्पीड़न के आरोप का मामला 'लव जिहाद' तक पहुंचा, BJP के नए सवाल पर गरमाई सियासत

मंत्री ने बताया कि 16 जून से मुखिया संबंधित ग्राम पंचायत की परामर्शी समिति के अध्यक्ष कहलाएंगे, जबकि उप मुखिया उपाध्याय एवं ग्राम के वार्ड सदस्य, सदस्य कहलाएंगे.

सरपंच संबंधित ग्राम कचहरी की परामर्शी समिति के अध्यक्ष कहलाएंगे. उपसरपंच उपाध्यक्ष एवं पंच, सदस्य कहलाएंगे. पंचायत समिति प्रमुख, संबंधित पंचायत समिति की परामर्शी समिति के अध्यक्ष कहलाएंगे. उपप्रमुख उपाध्यक्ष एवं पंचायत समिति सदस्य, सदस्य कहलायेंगे. इसके अलावा पंचायत समिति के सभी कार्यक्षेत्र के विधानसभा, विधान परिषद, लोकसभा एवं राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य भी समिति के सदस्य होंगे.

उन्होंने कहा कि समिति के कार्यक्षेत्र के सभी ग्राम पंचायतों के परामर्शी के अध्यक्ष भी इसके सदस्य होंगे. जिला परिषद अध्यक्ष, संबंधित जिला परिषद के परामर्शी समिति के अध्यक्ष कहलाएंगे.

जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं जिला परिषद का सदस्य, सदस्य कहलाएंगे. इसके अलावा जिला परिषद के कार्यक्षेत्र के विधानसभा, विधानपरिषद, लोकसभा एवं राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य भी परामर्शी समिति के सदस्य होंगे. जिला परिषद के कार्यक्षेत्र के सभी पंचायत समिति के परामर्शी समिति के अध्यक्ष भी इसके सदस्य होंगे. कार्यपालक पदाधिकारी की भूमिका प्रखंड विकास पदाधिकारी की होंगी.

मंत्री ने बताया कि इस दौरान निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के वेतन एवं भत्ता भी मिलता रहेगा. उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था आगामी चुनाव के बाद त्रिस्तरीय पंचायत के गठन तक जारी रहेगी.

(इनपुट- आईएएनएस)

Trending news