Bihar News: बिहार में हर साल बाढ़ अपना कहर बरपाती है. जहां एक और गंगा का जल स्तर घर गया है और बाढ़ का खतरा खत्म हो गया है तो दूसरी और अब लोगों को भविष्य की चिंता सताने लगी है.
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पटना: Bihar Flood: उफनती गंगा कुछ शांत हुई तो राहत शिविरों में रहने वाले लोगों को अब भविष्य की चिंता सताने लगी. टापूनुमा गांव के लोगों पर बाढ़ का प्रकोप इस तरह हावी हो गया है कि कई लोग बेघर हो गए हैं साथ ही युवा बेरोजगार हो गए हैं.
खेती करने वालों की भूमि पिछले एक सप्ताह से अधिक दिनों से बाढ़ के पानी में डूबी है. कई लोग आज भी राहत शिविर में शरण लिए हुए हैं. फिलहाल गंगा के जलस्तर में भले कमी आई हो लेकिन बाढ़ पीड़ितों की परेशानियां काम नहीं हो रही हैं. गंगा के किनारे दियारा क्षेत्रों से बाढ़ का पानी उतरने लगा है, लेकिन कई इलाकों में हो रही बारिश से लोग परेशान हैं.
भागलपुर के सुल्तानगंज प्रखंड के कसमाबाद, शाहाबाद, कल्याणपुर, अठगामा गांव में एक दर्जन से अधिक घर या तो क्षतिग्रस्त हो गए हैं या गिर गए हैं. बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि नीचे बाढ़, ऊपर से बारिश के कारण हमारी परेशानी कम नहीं हो रही. पटना के दियारा इलाकों के हालत भी कमोबेश ऐसी ही बनी हुई है. नकटा दियारा, कुर्जी बिंदटोली, मानस दियारा गांव में पानी कम जरूर हुआ है लेकिन पूरी तरह उतरा नहीं है. अभी भी लोग राहत शिविरों में आश्रय लिए हुए हैं. कई लोग सामुदायिक रसोई में भोजन कर रहे हैं.
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मानस दियारा के रहने वाले कई लोग ऐसे हैं जिन्हें अपने आशियाने की चिंता है. ऐसे लोगों का कहना है कि बस गंगा मैया हमारे आशियाने नहीं छीने. लोगों के घर के सामान तो पहले ही बाढ़ के पानी मे बह गए हैं. कुर्जी बिंदटोली में भी पानी उतरने लगा है. बिंदटोली मोड़ पर बाढ़ पीड़ितों के लिए लगाए गए बड़े शेड में रहने वाले लोगों को भी भविष्य की चिंता सता रही है. उनका दर्द है कि हर साल तिनका-तिनका जोड़कर सामान जुटाते हैं और बाढ़ उसे बहाकर ले जाती है. हालांकि, उन्हें इस बात का सुकून है कि प्रशासन द्वारा पशुओं के लिए चारा उपलब्ध हो रहा है.
गंगा के जलस्तर की बात करें तो लगातार नीचे आ रहा है. जल संसाधन विभाग के मुताबिक, गंगा का जलस्तर मनेर, दीघा घाट, गांधी घाट, हाथीदह में लगातार काम हो रहा है. अगले 24 घंटे में जलस्तर में और कमी होने की संभावना है.
इनपुट- आईएएनएस के साथ