Muzaffarpur News: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कांटी प्रखंड कार्यालय में भ्रष्टाचार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री अजीत कुमार के नेतृत्व में कांटी विधानसभा के कई कार्यकर्ताओं के साथ प्रखंड कार्यालय का घेराव किया गया था. यह घेराव फरवरी महीने में किया गया था, जिसके बाद इस मामले को लेकर कांटी थाना ने 85/2023 के तहत पूर्व मंत्री समेत कई लोगों पर सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने को लेकर एफआईआर दर्ज किया गया था.
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Muzaffarpur News: बिहार के पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने सोमवार (3 जून) को कोर्ट में आत्म समर्पण किया, जिसके बाद बाद कोर्ट में उनके केस की सुनवाई हुई. इस सुनवाई के बाद कोर्ट ने पूर्व मंत्री को जमानत दे देती. कोर्ट से बेल मिलने के बाद पूर्व मंत्री अजीत कुमार अपने घर गए. चलिए जानते हैं कि आखिर पूर्व मंत्री के खिलाफ केस क्या था. आखिर उन्हें कोर्ट में किस केस की वजह से आत्म समर्पण करना पड़ा.
जानिए पूरा मामला क्या है
दरअसल, बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कांटी प्रखंड कार्यालय में भ्रष्टाचार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री अजीत कुमार के नेतृत्व में कांटी विधानसभा के कई कार्यकर्ताओं के साथ प्रखंड कार्यालय का घेराव किया गया था. यह घेराव फरवरी महीने में किया गया था, जिसके बाद इस मामले को लेकर कांटी थाना ने 85/2023 के तहत पूर्व मंत्री समेत कई लोगों पर सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने को लेकर एफआईआर दर्ज किया गया था.
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इस केस की वजह से पूर्व मंत्री ने किया सरेंडर
भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने इसी केस में आत्म समर्पण किया था. जिन्हें जमानत याचिका पर सुनवाई के जमानत की अर्जी को मंजूर करते हुए कोर्ट ने जमानत प्रदान कर दिया. कोर्ट से जमानत मिलने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने बताया कि कांटी प्रखंड कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ घेराव किया गया था, जिसको लेकर सरकार के दवाब में एफआईआर दर्ज किया गया था. इसी मामले में आज सुनवाई हुई और कोर्ट ने जमानत दे दिया.
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