Bihar Politics: एनडीए में शामिल होने का इनाम! संतोष मांझी को मिली वाई प्लस सुरक्षा
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Bihar Politics: एनडीए में शामिल होने का इनाम! संतोष मांझी को मिली वाई प्लस सुरक्षा

Bihar Politics: हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री संतोष मांझी को वाई प्लस की सुरक्षा दी गई है. मंत्री रहने के दौरान संतोष मांझी को वाई प्लस सुरक्षा मिली थी पर मंत्री पद छोड़ने के बाद सुरक्षा वापस ले ली गई थी.

Bihar Politics: एनडीए में शामिल होने का इनाम! संतोष मांझी को मिली वाई प्लस सुरक्षा

पटना:Bihar Politics: हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री संतोष मांझी को वाई प्लस की सुरक्षा दी गई है. मंत्री रहने के दौरान संतोष मांझी को वाई प्लस सुरक्षा मिली थी पर मंत्री पद छोड़ने के बाद सुरक्षा वापस ले ली गई थी. इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बिहार के तीन नेताओं को वीवीआईपी सुरक्षा प्रदान की थी. संतोष मांझी बिहार की नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री थे, लेकिन पिछले महीने ही उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था और बाद में उनकी पार्टी एनडीए में शामिल हो गई थी.

वाई प्लस सुरक्षा के तहत संतोष मांझी की सुरक्षा में 11 जवान मुस्तैद रहेंगे. 2 एनएसजी कमांडो के जवान भी होंगे. 2 पर्सनल सिक्योरिटी आॅफिसर और 7 पुलिसकर्मी सुरक्षा में तैनात रहेंगे. बिहार में जब से महागठबंधन की सरकार बनी है, बीजेपी छोटी-छोटी पार्टियों को अपनी ओर आकर्षित करने के फिराक में है और इस प्रयास में वह कई नेताओं को वीवीआईपी सुरक्षा दे चुकी है. इस साल 11 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सांसद चिराग पासवान को जेड कैटागरी की सुरक्षा उपलब्ध करवाई.

इसके बाद 21 फरवरी 2023 को वीआईपी चीफ मुकेश साहनी को वाई प्लस सुरक्षा दी गई थी. 9 मार्च 2023 को उपेंद्र कुशवाहा को वाई प्लस सुरक्षा दी गई. 2 महीने बाद ही उनकी सुरक्षा और बढ़ाकर जेड कैटागरी की कर दी गई थी. अब संतोष सुमन की पार्टी एनडीए का हिस्सा बन गई है तो उन्हें भी वाई प्लस की सुरक्षा दी गई है.

देश में वीवीआईपी लोगों को कई तरह की सुरक्षा दी जाती है. जैसे प्रधानमंत्री को एसपीजी सुरक्षा मुहैया कराती है. उसी तरह अन्य वीआईपी को एनएसजी, आईटीबीपी, सीआरपीएफ जैसी एजेंसियां शामिल हैं. सुरक्षा पाने के लिए सरकार को आवेदन करना होता है और फिर खुफिया एजेंसियां इस बात की जांच करती हैं कि संबंधित व्यक्ति को कोई खतरा है या नहीं. उसके बाद गृह सचिव, डायरेक्टर जनरल और मुख्य सचिव की कमेटी सुरक्षा का लेवल तय करती है.

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