Bihar Politics: जेडीयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले क्या इस्तीफा देंगे ललन सिंह, कौन बन सकता है नया राष्ट्रीय अध्यक्ष?
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Bihar Politics: जेडीयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले क्या इस्तीफा देंगे ललन सिंह, कौन बन सकता है नया राष्ट्रीय अध्यक्ष?

Bihar Politics: नीतीश कुमार एक बार फिर खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाएं या फिर अपने किसी विश्वस्त को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर विराजमान करवा दें. अगर ऐसा होता है तो जेडीयू के वरिष्ठ नेता रामनाथ ठाकुर और अशोक चौधरी को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है.

बिहार की खबरें (File Photo)

Bihar Politics: दिल्ली में जब से इंडिया ब्लॉक की चौथी बैठक हुई है, बिहार में सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड के भीतर का उथलपुथल वाली खबरें आ रही हैं. अब खबर है कि 29 दिसंबर को जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह इस्तीफा दे सकते हैं. बताया जा रहा है कि ललन सिंह ने लोकसभा चुनाव लड़ने और मुंगेर में अपनी ताकत झोंकने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से मुक्त करने का आग्रह किया था. वे अब भी अपनी इस बात पर अड़े हुए हैं. ऐसे में राष्ट्रीय परिषद की बैठक में जेडीयू को नया अध्यक्ष मिल सकता है.

कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाएं या फिर अपने किसी विश्वस्त को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर विराजमान करवा दें. अगर ऐसा होता है तो जेडीयू के वरिष्ठ नेता रामनाथ ठाकुर और अशोक चौधरी को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है.

खबर तो यह भी आ रही है कि ललन सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है लेकिन उनके इस्तीफे को अभी मंजूर नहीं किया गया है.

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ललन सिंह के इस्तीफे से खाली सीट पर कौन विराजमान होगा, इस पर अंतिम फैसला नीतीश कुमार को लेना है. नीतीश कुमार के पास विकल्प होगा कि वह खुद इस पद को संभालें या फिर पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर के बेटे सांसद रामनाथ ठाकुर को यह पद देकर पिछड़ों को लुभाने की कोशिश करें. जेडीयू 2024 में कर्पूरी ठाकुर का शताब्दी वर्ष भी मनाने जा रही है.

माना जा रहा है कि ललन सिंह की राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और​ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से नजदीकियों से नीतीश कुमार उनसे खासे नाराज हैं. लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव किसी ने भी इडिया ब्लॉक की चौथी बैठक में नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव नहीं किया. किसी ने उनको संयोजक या फिर पीएम उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर कुछ भी नहीं कहा, जबकि राजद और जेडीयू गठबंधन की शर्त ही यही थी कि नीतीश कुमार केंद्र की राजनीति करेंगे और तेजस्वी यादव बिहार का सिंहासन संभालेंगे. इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर ललन सिंह का भी रणनीतिक फेल्योर कहा जा सकता है. ललन सिंह अपनी पार्टी के नेता के नाम पर किसी भी एक दल को सहमत नहीं कर पाए कि कोई नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव कर सके.

आपको बता दें कि इंडिया ब्लॉक की चौथी बैठक में नीतीश कुमार खासे उत्साहित होकर गए थे पर जब बैठक शुरू हुई तो पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम इंडिया के संयोजक के तौर पर पेश किया. उसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक कदम आगे जाकर खड़गे को पीएम पद के प्रत्याशी के रूप में पेश कर दिया. हालांकि कांग्रेस और खड़गे की ओर से इसे तवज्जो नहीं दिया गया और अंतिम फैसला नहीं हो पाया, लेकिन इस बात की कसक नीतीश कुमार के मन में रह गई होगी कि उनके नाम का किसी ने प्रस्ताव भी नहीं किया.

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर ललन सिंह 2 साल से अधिक का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं. आरसीपी सिंह के पद खाली करने के बाद 31 जुलाई 2021 को ललन सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली थी. 29 दिसंबर को पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक होने वाली है.

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