Jharkhand News: झारखंड मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने लोगों को दी बड़ी सौगात, महत्वाकांक्षी ग्रामीण बस योजना का किया शुभारंभ
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Jharkhand News: झारखंड मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने लोगों को दी बड़ी सौगात, महत्वाकांक्षी ग्रामीण बस योजना का किया शुभारंभ

Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार को दूरदराज के इलाकों में बस सेवाओं की सुविधा के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की महत्वाकांक्षी 'मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना' (एमएमजीजीवाई) की शुरुआत की जो एक ग्रामीण परिवहन योजना है. 

मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने महत्वाकांक्षी ग्रामीण बस योजना का किया शुभारंभ

रांची: Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार को दूरदराज के इलाकों में बस सेवाओं की सुविधा के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की महत्वाकांक्षी 'मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना' (एमएमजीजीवाई) की शुरुआत की जो एक ग्रामीण परिवहन योजना है. 

योजना का प्राथमिक उद्देश्य ब्लॉकों, उपखंडों और जिला मुख्यालयों के बीच संपर्क स्थापित करना है. जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि दूरदराज के गांवों के निवासियों को सुविधाजनक परिवहन प्रणाली तक पहुंच प्राप्त हो. मुख्यमंत्री ने रांची के मोरहाबादी मैदान में एक कार्यक्रम के दौरान इस योजना की शुरुआत की. जहां उन्होंने रांची, गुमला और लोहरदगा के लाभार्थियों को अबुआ आवास योजना के तहत स्वीकृति पत्र और पहली किस्त भी वितरित की. 

सोरेन ने कहा, 'दूरदराज के इलाकों, जंगलों और नदी के किनारे ऐसे गांव हैं, जहां कोई सड़क या परिवहन सुविधा नहीं है. ग्रामीणों को जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए 30 से 40 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. अब ग्रामीणों को परेशानी नहीं होगी. यह योजना झारखंड में छात्रों, किसानों और रोगियों सहित गांव में रहने वाले लोगों को सुविधा प्रदान करेगी.' 

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 15,000 किमी सड़कें बनाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों, स्कूल और कॉलेज के छात्रों, शारीरिक रूप से दिव्यांगों, एचआईवी से संक्रमित लोगों, विधवाओं और झारखंड आंदोलन के कार्यकर्ताओं को बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलेगी. 

पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अक्टूबर 2022 में इस योजना को मंजूरी दी थी. हालांकि, निजी बस संचालकों ने इस परियोजना को "अव्यावहारिक" बताते हुए इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. पिछले साल अक्टूबर में, सरकार ने योजना के कार्यान्वयन के लिए निजी संचालकों को आकर्षित करने के मकसद से कई संशोधनों को मंजूरी दी थी. 

इनपुट- भाषा के साथ

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